
India will also be devastated by earthquake like Myanmar: कानपुर। म्यांमार में 28 मार्च को आए दो भयानक भूकंपों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इन भूकंपों ने सैकड़ों इमारतों को ढहा दिया और हजारों लोगों की जान ले ली। यह भूकंप 7.7 और 6.4 की तीव्रता के थे। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह के भूकंपों का खतरा भारत में भी हो सकता है? इस सवाल का जवाब देने के लिए IIT कानपुर के साइंटिस्ट ने एक गंभीर चेतावनी दी है।
India will also be devastated by earthquake like Myanmar: IIT कानपुर के अर्थ साइंसेज डिपार्टमेंट के प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि म्यांमार में आए भूकंप का मुख्य कारण सागाइंग फॉल्ट है। यह फॉल्ट बहुत खतरनाक है और इसके बारे में इंटरनेट पर आसानी से जानकारी मिल सकती है। प्रोफेसर ने बताया कि सागाइंग फॉल्ट के कारण म्यांमार और थाईलैंड में जबरदस्त भूकंप आया था, जिसने भारी तबाही मचाई।
India will also be devastated by earthquake like Myanmar: भारत में गंगा-बंगाल फॉल्ट: क्या हो सकता है खतरा
भारत के पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी क्षेत्र में गंगा-बंगाल फॉल्ट स्थित है। यह भी एक सक्रिय फॉल्ट है और इसका प्रभाव भारत में महसूस किया जा सकता है। प्रोफेसर मलिक ने चेतावनी दी कि सागाइंग फॉल्ट और गंगा-बंगाल फॉल्ट के बीच कई अन्य फॉल्टलाइन हैं। यदि एक फॉल्ट सक्रिय होता है तो इससे दूसरे फॉल्ट भी सक्रिय हो सकते हैं, जो भारत में बड़े भूकंप का कारण बन सकते हैं।
India will also be devastated by earthquake like Myanmar: भूकंप की आवृत्ति और इतिहास
सागाइंग फॉल्ट एक बहुत पुराना फॉल्ट है और इसके बारे में शोध भी किया गया है। जापान और यूरोपीय एक्सपर्ट्स ने इस पर अध्ययन किया है। शोधों से यह पता चला है कि सागाइंग फॉल्ट पर भूकंपों की आवृत्ति लगभग 150 से 200 वर्षों के बीच होती है। इसका मतलब यह है कि इस क्षेत्र में हर 150 से 200 साल में एक बड़ा भूकंप आ सकता है।
India will also be devastated by earthquake like Myanmar: भारत में भूकंप के खतरे का सबसे बड़ा कारण
भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और कश्मीर जोन-5 में आते हैं, जहां कई सक्रिय फॉल्टलाइन मौजूद हैं। प्रोफेसर मलिक ने कहा कि इन इलाकों में भूकंप के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन फॉल्टलाइन के फ्रंटल पार्ट्स पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, लेकिन इसके ऊपर और नीचे भी कई फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं, जो भूकंप का कारण बन सकती हैं।