CG Coal Levy Scam Case: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोल लेवी और मनी लांड्रिंग घोटाले के प्रमुख आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने विशेष कोर्ट में आवेदन किया है। इस मामले में कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी, उनके भाई रजनीकांत तिवारी, और अन्य आरोपी निखिल चंद्राकर तथा रौशन चंद्राकर शामिल हैं।
EOW ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में 450 करोड़ रुपये के कोल लेवी और 127 करोड़ रुपये के कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच के दौरान इन आरोपियों के नार्को टेस्ट की जरूरत है।
CG Coal Levy Scam Case: विशेष न्यायाधीश भूपेश कुमार बसंत की अदालत में यह आवेदन दायर किया गया है। EOW का कहना है कि आरोपियों के पुराने बयानों की सत्यता की जांच के लिए नार्को टेस्ट जरूरी है। यह टेस्ट बेंगलुरु में किया जाएगा, जहां कोल घोटाले से संबंधित एक मामला दर्ज है।
CG Coal Levy Scam Case: बता दें कि इस घोटाले में सूर्यकांत तिवारी को बेंगलुरु से ही गिरफ्तार किया गया था। EOW को उम्मीद है कि इस टेस्ट से घोटाले की गहराई में जाकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी और आरोपियों के बयानों की सत्यता स्पष्ट हो सकेगी।
CG Coal Levy Scam Case: पहली बार नहीं होगा नार्को टेस्ट
छत्तीसगढ़ में यह पहली बार नहीं है जब किसी घोटाले में नार्को टेस्ट की मांग की गई हो। इससे पहले 28 करोड़ रुपये के इंदिरा बैंक घोटाले में नार्को टेस्ट का इस्तेमाल किया गया था, जिसने कई सच्चाईयों का पर्दाफाश किया था।
CG Coal Levy Scam Case: क्या होता है नार्को टेस्ट
नार्को टेस्ट के दौरान व्यक्ति को एक विशेष प्रकार के ड्रग्स दिए जाते हैं, जिसके प्रभाव में वह व्यक्ति झूठ नहीं बोल सकता और अपनी बातें बिना किसी दबाव के साझा करता है। यह विधि न्यायिक जांच के लिए सहायक मानी जाती है, हालांकि इसे सबूत के रूप में सीधे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।