Central Trade Unions : श्रम संहिताओं को लेकर देश में फिर उबाल…! केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का बड़ा आंदोलन…फरवरी में पूरे देश में हड़ताल
फरवरी 2026 में देश ठप करने की तैयारी
नई दिल्ली, 10 दिसंबर।Central Trade Unions : श्रम संहिताओं की अधिसूचना के बाद देशभर में बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (CTUs) और सेक्टोरल फेडरेशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच ने बड़ा फैसला लिया है। मंच ने साफ कहा है कि चारों श्रम संहिताओं को वापस लिए बिना आंदोलन रुकेगा नहीं। संघर्ष अब चरणबद्ध तरीके से और तेज होगा।
9 दिसंबर को जारी प्रेस नोट में यूनियनों ने कहा कि सरकार और कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे भारी-भरकम प्रचार के बावजूद मजदूर वर्ग ने संहिताओं को सिरे से नकार दिया है। 26 नवंबर को देश के जिला, प्रखंड और कार्यस्थल स्तरों पर हुए बड़े प्रदर्शनों को CTUs ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सरकार के लिए चेतावनी है।
मुख्य घोषणा: फरवरी 2026 में देश ठप करने की तैयारी
मंच ने फरवरी 2026 में एक बड़ी, देशव्यापी प्रत्यक्ष कार्रवाई का ऐलान किया है, जिसमें सामान्य हड़ताल भी शामिल होगी। अंतिम तारीख 22 दिसंबर को घोषित की जाएगी। यूनियनों का कहना है कि यह लड़ाई मजदूरों के अधिकारों के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने की भी है।
विरोध क्यों तेज हो रहा है?
बैठक में बताया गया कि श्रम विभाग और न्यायालयों तक में संहिताओं को लेकर गहरी उलझन है। गैर-संगठित क्षेत्रों से लेकर पत्रकारों तक ने संहिताओं की प्रतियाँ जला कर विरोध जताया। कई राज्यों में BMS से जुड़े श्रमिक भी विरोध में शामिल हुए।
SKM भी मैदान में, ग्रामीण इलाकों में भारी जुटान
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी MSP, कर्ज माफी, बीज विधेयक और बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़े स्तर पर जुटान किया। किसानों और मजदूरों का यह साझा आंदोलन सरकार के लिए बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है।
इंडिगो घटना को बताया कॉरपोरेट मॉडल की पोल
बैठक में इंडिगो एयरलाइन से जुड़ी ताज़ा घटना पर भी कड़ी टिप्पणी की गई। यूनियनों ने कहा कि यह घटना कॉरपोरेट लापरवाही और श्रमिक सुरक्षा की अनदेखी का साफ उदाहरण है। उन्होंने न्यायिक जांच और प्रभावित यात्रियों को उचित मुआवजे की मांग की।
आने वाले दिनों की रणनीति
देशभर में रैलियाँ, जुलूस, कार्यस्थल विरोध और जागरूकता अभियान
राज्य स्तरीय अध्याय एक सप्ताह के भीतर योजनाएँ तय करेंगे
SKM और अन्य संगठनों से समन्वय तेज होगा
विपक्षी दलों और समाज के सभी वर्गों से खुलकर समर्थन की अपील
यूनियनों की चेतावनी
मंच ने कहा कि यह संघर्ष लंबा और निर्णायक होगा। जब तक श्रम संहिताएँ वापस नहीं ली जातीं, तब तक आंदोलन हर स्तर पर जारी रहेगा।



