कोरबा/बिलासपुर। कोरबा जिले में जिला खनिज न्यास मद में कराए गए कार्य में करीब 1200 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद CAG की टीम ने कलेक्टोरेट में डेरा डाल दिया है। CAG की टीम 2015 से लेकर अब तक जो भी कार्य DMF के मद से कराए गए हैं, सभी रिकॉर्ड की जांच की जा रही है
बता दें कि कोरबा जिले में DMF फंड में गड़बड़ी की गूंज विधानसभा में तक में हो चुकी है। वहीं इसी मामले में भूविस्थापितों की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है।
0.DMF के दुरूपयोग को लेकर है याचिका
बता दें कि प्रदेश में कोरबा जिले में सर्वाधिक कोयले का उत्पादन होता है, जिसकी वजह से इस जिले को DMF का सर्वाधिक फण्ड भी मिलता है। DMF मद से किये जाने वाले अनाप-शनाप खर्चों को लेकर कोयला खदान से विस्थापितों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है।
याचिका में कहा गया है कि DMF के तहत पूरे प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया गया है। कोरबा जिले में सर्वाधिक 1200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई है। राशि खर्च करते समय डीएमएफ रूल्स 2015 के नियम 25 (3), 12 (3), 12 (6) तथा 12 (2) का उल्लंघन किया गया है।
याचिका में बताया गया है कि खनिज न्यास के कामकाज में टीडीएस कटौती नहीं की गई तथा ऑडिट भी नहीं कराया गया। खर्च की गई राशि का कोई हिसाब किताब भी नहीं रखा गया है। इस मामले की सीबीआई जांच जरूरी है। सुनवाई के दौरान सीबीआई व केंद्र सरकार से जवाब मिल गया। मगर राज्य शासन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है, इसलिए राज्य शासन को जवाब के लिए अवसर दिया गया है। अब मार्च के दूसरे सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई होगी।