
कोरबा। जिले के कटघोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत खोडरी में आदिवासी किसानों का गुस्सा चरम पर है। आरोप है कि SECL कुसमुंडा प्रबंधन बिना किसी मुआवजे के उनकी पुश्तैनी खेती की जमीन पर जबरन कब्जा कर रहा है। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद कंपनी प्रबंधन लगातार मशीनें और वाहन भेजकर खेतों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन उनकी रोज़ी-रोटी का एकमात्र सहारा है। जब तक उचित मुआवजा और पुनर्वास नहीं मिलता, वे अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इसी को लेकर खोडरी की महिलाएं सीधी सड़क पर उतर आईं। गुस्साई महिलाओं ने वाहनों के सामने खड़े होकर विरोध जताया और साफ कहा कि अपनी जमीन बचाने के लिए वे जान तक देने को तैयार हैं।
इस आंदोलन की अगुवाई कर रही हैं शिवकुमारी कंवर, जो कि एम.ए. शिक्षित आदिवासी महिला हैं और ग्रामीणों की आवाज़ को मजबूती से उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ जमीन की नहीं, बल्कि अस्तित्व और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जबरन कब्जा बंद नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। वहीं, इलाके में तनाव का माहौल है और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बिना समाधान और मुआवजा दिए इस तरह से जमीन कब्जाने की कोशिश क्यों हो रही है।