
कोरबा। कहते हैं “शैय्या भय कोतवाल तो डर काहे का”। यही कहावत पंचायत विकास विभाग के अफसरों पर सटीक बैठती है। बिना डिग्री के इंजीनियर बने उप अभियंताओं पर सरकार इस कदर मेहरबान हुई कि हाईकोर्ट के आदेशों का इंतजार किए बिना ही विवादित सब इंजीनियरों को एसडीओ (उप अभियंता) पद पर प्रमोशन दे दिया गया।
भर्ती पर पहले से विवाद
वर्ष 2012–13 में भर्ती हुए 89 सब इंजीनियरों पर शुरू से ही गलत तरीके से नौकरी पाने का आरोप है। बिना डिग्री के नौकरी करने वाले इन अफसरों के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज है। पूर्ववर्ती सरकार ने 2017 में जांच कर इन्हें बर्खास्त करने का निर्णय लिया था, लेकिन सरकारें बदलती रहीं और कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। अब मौजूदा सरकार ने उल्टा इन अफसरों को प्रमोशन देकर सम्मानित कर दिया।

हाईकोर्ट की सख्ती
बिना डिग्री के उप अभियंता बने अधिकारियों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। न्यायाधीश ने सवाल किया था कि रोजगार कार्यालय में पंजीयन के लिए अंकसूची अनिवार्य होती है, फिर जिनके पास डिग्री ही नहीं थी उनका नाम पंजीयन सूची में कैसे चढ़ गया? कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही और नियम विरुद्ध कार्य हुए हैं, जिनकी जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई आवश्यक है।
योग्य अफसरों का मनोबल टूटा
इस पूरे प्रकरण से विभाग में पदस्थ काबिल और योग्य अफसरों का मनोबल टूट रहा है। बिना डिग्री और केवल बोलबच्चन के सहारे अफसर बने लोगों को प्रमोशन देने से विभागीय माहौल में असंतोष और नाराजगी बढ़ गई है।