रायपुर। अमलीडीह में कॉलेज के लिए आरक्षित करीब 9 एकड़ सरकारी जमीन को बिल्डर को आबंटित किए जाने का मामला सामने आया है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। यह प्रक्रिया गुपचुप तरीके से पूरी की गई, और अब जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत आबंटन रद्द करने की मांग की है। नाराज ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मंगलवार से धरना-प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है।
बता दें कि रायपुर नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले अमलीडीह गांव में 3.203 हेक्टेयर (लगभग 9 एकड़) जमीन सरकारी कॉलेज के लिए आरक्षित थी। वर्तमान में यह कॉलेज एक स्कूल की इमारत में संचालित हो रहा है। पिछली सरकार के दौरान रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इस जमीन को कॉलेज के लिए आरक्षित कराया था। हालांकि, इस जमीन पर बिल्डरों की नजरें लंबे समय से थीं।
जानकारी के अनुसार, बड़े बिल्डर रामा बिल्डकॉन के संचालक राजेश अग्रवाल ने उस समय जमीन के आबंटन के लिए आवेदन किया था। इस्कॉन मंदिर ट्रस्ट ने भी इस जमीन पर दावा करते हुए आवेदन दिया था। लेकिन पिछली सरकार ने जमीन की नीलामी की नीति के बावजूद इसे कॉलेज के लिए आरक्षित होने के कारण किसी बिल्डर के आवेदन पर कार्रवाई नहीं की।
सरकार बदलने के बाद, प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप से यह जमीन बिल्डर को आबंटित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। पुराने आवेदन को आधार बनाते हुए 28 जून को राजस्व विभाग ने यह जमीन रामा बिल्डकॉन को आबंटित कर दी। बताया जा रहा है कि आबंटन पिछली सरकार की नीति के अनुसार किया गया, लेकिन चर्चा है कि आदेश बैक डेट में जारी किया गया था।
इस बीच, 11 जुलाई को नई सरकार ने सरकारी जमीन के आबंटन और फ्रीहोल्ड संबंधी सभी नीतियों को रद्द कर दिया था। अब ग्रामीणों को जब इस मामले की जानकारी हुई, तो उन्होंने विरोध का बिगुल फूंक दिया है और कॉलेज की जमीन बिल्डर को दिए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।