
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में हुए कोयला लेवी घोटाला मामले में जांच एजेंसियों की कोर्ट में साक्ष्य के साथ सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों द्वारा कोर्ट में पेश चार्जशीट में कोल लेवी के मास्टर माइंड सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के साथ IAS-IPS अफसरों के साथ बातचीत के व्हाट्सअप चैट पेश की है। जिसमें पैसों की डील कोडवर्ड में किया करते थे।
इस चार्जशीट में जांच एजेंसी ने एक सीनियर महिला आईपीएस अफसर सहित तीन अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है। ED और EOW ने चार्जशीट में वॉट्सऐप चैट, ग्रुप्स की गतिविधियों और कोडवर्ड में हुई बातचीत को साक्ष्य के रूप में पेश किया है। इन साक्ष्यों ने घोटाले के पूरे नेटवर्क को उजागर किया है, जिससे IPS और नौकरशाही में खलबली मच गई है।
0.570 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप
जांच में सामने आया है कि सूर्यकांत तिवारी ने अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से कोल लेवी के नाम पर 570 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की। इस सिंडिकेट को संचालित करने के लिए तिवारी ने अपने विश्वस्त सहयोगियों देवेंद्र डडसेना और नवनीत तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी थी, जो विभिन्न जिलों में वसूली और हिसाब-किताब संभालते थे।
0.वॉट्सऐप ग्रुप्स और कोडवर्ड में होती थी बातचीत
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि वसूली के लिए कई वॉट्सऐप ग्रुप्स बनाए गए थे, जिनके नाम पाल ग्रुप, दुर्ग ग्रुप, वीकली ग्रुप, टावर ग्रुप और जुगनू ग्रुप थे। इन ग्रुप्स में तिवारी के करीबी कर्मचारी शामिल थे, जो वसूली की रकम और अधिकारियों-नेताओं तक पैसे पहुंचाने की जानकारी साझा करते थे। गोपनीयता बनाए रखने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था।
0.सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के संपर्क में थे आईपीएस
चार्जशीट के अनुसार, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया का तीन IPS अधिकारियों के साथ सीधा संपर्क था। इन पर विभागीय जानकारी तिवारी को लीक करने का आरोप है। विशेष रूप से, वरिष्ठ महिला आईपीएस पर तिवारी के इशारे पर कोयला ढोने वाले वाहनों पर कार्रवाई करने का आरोप है। इसके अलावा, कॉन्स्टेबल अमित कुमार दुबे पर ED अधिकारियों की जासूसी करने का भी इल्जाम है।