Bilaspur Train Accident : बिलासपुर ट्रेन हादसा…! मेमू–मालगाड़ी टक्कर में 12 मौतों के बाद बड़ी कार्रवाई…सीनियर DEE हटाए गए
जांच में कई स्तरीय लापरवाही के संकेत
बिलासपुर, 11 दिसंबर। Bilaspur Train Accident : लालखदान के पास 4 नवंबर को हुई भीषण रेल दुर्घटना में मेमू ट्रेन और खड़ी मालगाड़ी की टक्कर में 12 यात्रियों की मौत और 20 से अधिक घायलों के बाद रेलवे ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिलते ही सीनियर डीईई (ओपी) मसूद आलम को तत्काल पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह सीनियर डीईई (TRS) शशांक कोष्टा को नई ऑपरेशनल जिम्मेदारी सौंपी गई है। हादसे के बाद मसूद आलम को फोर्स लीव पर भेज दिया गया था, अब उन्हें TRS विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है।
कैसे हुआ था हादसा?
4 नवंबर को गतौरा–लालखदान स्टेशन के बीच गेवरा रोड–बिलासपुर मेमू एक खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि, मेमू का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया, लोको पायलट विद्यासागर समेत 12 लोगों की दर्दनाक मौत हुई, कई यात्री गंभीर रूप से घायल हुए। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
जांच टीम की रिपोर्ट में क्या सामने आया?
रेलवे ने घटना की गंभीरता को देखते हुए CRS बी.के. मिश्रा के नेतृत्व में विशेष जांच कराई। टीम ने स्थल निरीक्षण किया। 30 से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान लिए।
प्रारंभिक रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
मेमू चलाने वाले लोको पायलट का साइको टेस्ट पास नहीं था। इसके बावजूद उसे ड्यूटी पर भेजा गया। ड्यूटी असाइनमेंट की जिम्मेदारी ऑपरेशनल विंग की होती है। इसी कारण सबसे पहली कार्रवाई ऑपरेशन विभाग पर की गई। अधिकारियों का कहना है कि अंतिम रिपोर्ट में और नाम शामिल हो सकते हैं, क्योंकि जांच में संकेत मिले हैं कि यह चूक सिर्फ चालक की गलती नहीं थी।
चार स्तर पर लापरवाही की पुष्टि
शुरुआती जांच में कई लेवल पर कमियां सामने आईं, जिनमें सिग्नलिंग, टेक्निकल देखरेख, ड्यूटी असाइनमेंट और सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन शामिल है। ये कई लेवल की नाकामियां रेलवे के सेफ्टी सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
आगे और कार्रवाई संभव
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अंतिम रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ सकती है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़ी कार्यवाही देखने को मिल सकती है।



