दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2 दिन बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ने की घोषणा कर दी है। तिहाड़ जेल से 13 सितंबर को रिहा होने के बाद, केजरीवाल रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उनके साथ AAP नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और आतिशी भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुनाएगी वह सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
केजरीवाल ने भगत सिंह की जेल डायरी का हवाला देते हुए कहा, “आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। मैंने केवल एलजी को एक खत लिखा था, जिसमें आतिशी जी को मेरी जगह 15 अगस्त को झंडा फहराने की अनुमति देने का अनुरोध किया था, लेकिन वह चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे धमकी दी गई कि अगर फिर से पत्र लिखा, तो फैमिली मुलाकात भी बंद कर दी जाएगी।”
केजरीवाल ने अंग्रेजों के समय की तुलना करते हुए कहा, “आजादी के बाद ऐसे शासक आए हैं जो अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर और अत्याचारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि “भगत सिंह और बटुकेश्वर ने असेंबली में बम फेंका था। दोनों को एक ही जेल में अगल-बगल वाली कोठरी में रखा गया था। उन्होंने बटुकेश्वर की बहन प्रमिला को खत लिखा था- कल रात बटु को किसी दूसरी जेल में भेज दिया गया है। उनकी जुदाई मेरे लिए असहनीय हो रही है। आज पहला दिन है, जब मेरे लिए हर मिनट बोझ हो गया है। सगे भाई से भी ज्यादा प्रिय थे।
केजरीवाल को शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों में 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इससे पहले उन्हें CBI ने 26 जून को और ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। कई बार की पूछताछ और गिरफ्तारी के बाद, केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में 156 दिन बिताए।