मुंबई। इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के लिए हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर बात हुई। टीमों के बीच कई सारी चीजों पर सहमति नहीं बन पाई कुछ चीजों पर सब सहमत भी हुए। इसके अलावा सभी फ्रेंचाइजियों ने अपने-अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए। उन्हीं में से एक सुझाव काव्या मारन का भी था। काव्या मारन ने विदेशी खिलाड़ियों की संख्या पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की है। सनराइजर्स हैदराबाद की सीईओ ने मेगा ऑक्शन से पहले किसी भी आईपीएल टीम के लिए कम से कम सात खिलाड़ियों को रिटेन करने या राइट टू मैच का विकल्प देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया है कि जो विदेशी खिलाड़ी मेगा ऑक्शन में शामिल नहीं होते हैं या खरीदे जाने के बाद नहीं आते हैं उन पर बैन भी लगना चाहिए।
बुधवार को आईपीएल टीम मालिकों और बीसीसीआई अधिकारियों की बैठक में एसआरएच प्रमोटर ने जोर देकर कहा कि सभी फ्रेंचाइजी के पास कम से कम सात रिटेंशन या वैकल्पिक रूप से उतने ही आरटीएम विकल्प होने चाहिए। उन्होंने एक उदाहरण के साथ अपनी मांग समझाई। सनराइजर्स हैदराबाद की तफ से कहा गया कि, ‘हम इसे चार रिटेंशन और दो आरटीएम या सभी छह रिटेंशन या सभी छह आरटीएम के रूप में उपयोग कर सकते हैं। रिटेंशन या आरटीएम का उपयोग करने का विकल्प खिलाड़ी के साथ चर्चा के आधार पर फ्रेंचाइजी के पास होना चाहिए।’
रिटेंशन में रखा जाना चाहिए खिलाड़ियों का ध्यान-काव्या मारन
उन्होंने आगे कहा, ‘अतीत में कई ऐसे मामले रहे हैं जहां एक खिलाड़ी नीलामी में जाना पसंद करता है जब उसे लगता है कि रिटेंशन राशि कम है। ऐसे भी मामले रहे हैं जहां कई खिलाड़ियों ने महसूस किया है कि उन्हें पहला रिटेंशन होना चाहिए और अगर पहले रिटेन नहीं किया गया तो उन्होंने इसके बजाय नीलामी में जाने के लिए कहा है। इससे बचने के लिए हम खिलाड़ियों को बाजार में मिली कीमत पर या तो रिटेन या आरटीएम का मौका दे सकते हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि खिलाड़ी रिटेंशन कीमत से नाराज न हो।’
काव्या मारन ने कहा, ‘अगर केवल रिटेंशन की अनुमति दी जाती है तो इस बात की अच्छी संभावना है कि फ्रेंचाइजी अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों को रिटेंशन वैल्यू से अधिक पैसे साइड कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से देंगी, लेकिन आरटीएम के साथ, एक खिलाड़ी को नीलामी में बाजार मूल्य मिलता है और यह सुनिश्चित करेगा कि पर्स सभी फ्रेंचाइजी की खरीद शक्ति का फैसला करता है और सीमित करता है न कि फ्रेंचाइजी का बैंक बैलेंस। यह पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा और आईपीएल जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड की अखंडता को बनाए रखेगा।’ मारन ने विदेशी खिलाड़ियों की संख्या पर लगी सीमा हटाने की आवश्यकता पर भी विस्तार से बताया। पिछली बार बीसीसीआई ने टीमों को अधिकतम दो विदेशी खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति दी थी।
आईपीएल की बैठक में काव्या मारन कहा, ‘हर टीम अलग तरह से बनती है और विभिन्न टीमों की मुख्य ताकत अलग-अलग होती है। कुछ के पास मजबूत विदेशी खिलाड़ी हैं तो कुछ के पास मजबूत भारतीय खिलाड़ी हैं और कुछ के पास मजबूत अनकैप्ड खिलाड़ी हैं। हमारे मामले में हमारे पास विदेशी खिलाड़ियों का एक मजबूत कोर है। रिटेन किए गए कैप्ड,अनकैप्ड,विदेशी खिलाड़ियों की संख्या फ्रेंचाइजी के विवेक पर होनी चाहिए ना कि प्रतिबंधित। उदाहरण के लिए हम चार विदेशी और दो कैप्ड भारतीय या तीन विदेशी और तीन अनकैप्ड भारतीय आदि को रिटेन कर सकते हैं।’
मारन ने उन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया जो अपनी प्रतिबद्धता से मुकर जाते हैं और नीलामी के लिए नामांकन के बाद नहीं आते हैं। बीते सीजन में एसआरएच वानिन्दु हसरंगा से बहुत नाराज थी, जिन्होंने चोट का हवाला देते हुए आईपीएल 2024 से खुद को बाहर रखा था। बहुत से लोग सोचते हैं कि वह केवल 1.5 करोड़ रुपये की कम बोली मिलने के कारण नहीं दिखा। उससे पहले आरसीबी के साथ उनका वेतन 10 करोड़ रुपये से अधिक था।
अंतिम समय पर बैकआउट करने वाले खिलाड़ियों पर लगे बैन
काव्या ने इस बात पर भी जोर दिया कि जो खिलाड़ी अंतिम समय पर अपना वापस लेते हैं उन पर बैन लगना चाहिए। क्योंकि इससे टीम के संयोजन बिगड़ता है। उन्होंने कहा, ‘नीलामी में चुने जाने के बाद अगर कोई खिलाड़ी चोट के अलावा किसी अन्य कारण से सीजन खेलने नहीं आता है तो उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। फ्रेंचाइजी अपनी संयोजन बनाने के लिए नीलामी में बहुत प्रयास करती हैं। अगर कोई खिलाड़ी नीलामी में कम कीमत पर जाता है और बाद में नहीं आता है तो यह संयोजन और टीम के संतुलन को प्रभावित करता है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां विदेशी खिलाड़ी इस कारण से नहीं आए हैं।’
इसके अलावा काव्या मारन ने ऐसे खिलाड़ियों के हित में भी अपनी रखी जो इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद भी आईपीएल में खेल रहे हैं। उनका मानना था कि रिटायर खिलाड़ियों को रिटेन करते समय अनकैप्ड खिलाड़ियों के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। इसके बजाय उन्हें नीलामी में आना चाहिए। उन्होंने एमएस धोनी का नाम नहीं लिया, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान की ओर इशारा करते हुए दिखाई दिए जो चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं।
सीनियर खिलाड़ी टीम को देते हैं मजबूती
काव्या मारन ने कहा, ‘सीनियर खिलाड़ियों का आईपीएल में बहुत महत्व है। वे अनुभव लाते हैं और कुछ ब्रांड वैल्यू भी लाते हैं। उनके मूल्य को अनकैप्ड राशि तक सीमित करके हम खिलाड़ी और उसके मूल्य का अपमान कर रहे हैं। कुछ रिटायर खिलाड़ी नीलामी में अनकैप्ड के रूप में रिटेन होने की तुलना में बहुत अधिक कीमत पर जा सकते हैं। जब नए अनकैप्ड खिलाड़ियों को नीलामी में अधिक पैसा मिलता है तो यह सीनियर खिलाड़ियों को अनकैप्ड के रूप में रिटेन करने की अनुमति देने के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित करता है। नीलामी को सेवानिवृत्त खिलाड़ी के मूल्य और क्षमता का निर्धारण करने दें, जिससे खेल में उनके योगदान का सम्मान हो।’
IPL में BCCI के योगदान पर भी दिया सुझाव
मारन का रिटेन किए गए खिलाड़ियों के लिए वेतन कैप से कटौती किए गए पैसे पर भी एक मजबूत दृष्टिकोण था। वह चाहती थी कि बीसीसीआई यह तय न करे कि रिटेन किए गए खिलाड़ियों को कितना भुगतान किया जाए। पहले हुए ऑक्शन में रिटेन के लिए कुल वेतन कैप से काटे गए पैसे को रिटेन किए गए खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर एक पॉट होना चाहिए और पहले रिटेंशन दूसरे रिटेंशन आदि के लिए व्यक्तिगत राशि नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘फ्रेंचाइजी के पास यह विवेक होना चाहिए कि वे रिटेन किए गए खिलाड़ियों के बीच राशि को कैसे विभाजित करें। यह संघर्ष की स्थितियों को रोकेगा जहां खिलाड़ियों को लगता है कि वे समान क्षमता के हैं लेकिन एक खिलाड़ी को अधिक राशि मिलती है, जबकि दूसरे को पूर्व-निर्धारित ब्रैकेट के आधार पर कम मिलता है। यह ऑफ-कॉन्ट्रैक्ट भुगतान की संभावना को भी समाप्त करेगा।’