कोरबा। बैंक ऑफ बड़ौदा में अफसर और कर्मियों ने हर्ष और उत्साह के साथ बैंक का 117 वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
संस्थान में कार्यरत बैंकर्स ने स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी यादें साझा की और अपने अनुभवों से सीखते हुए ग्राहकों की सुविधा को नए पाएदान पर ले जाने के संकल्प लिया। टीम वर्क व सामुहिक प्रयास के साथ और बेहतर प्रदर्शन करने और बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने हर संभव प्रयास पर जोर दिया गया। स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत टीपी नगर ब्रांच में केक काटकर सेलीब्रेट किया गया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से शाखा प्रबंधक चक्रधर कंवर और सहायक शाखा प्रबंधक सुप्रित बैनर्जी समेट अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
20 जुलाई 1908 में हुई थी बीओबी की स्थापना
वर्षों से आपका भरोसा हमारी सफलता का आधार “बैंक ऑफ बड़ौदा” की स्थापना बड़ौदा के महाराजा सर सयाजीराव गायकवाड़ 3rd द्वारा 20 जुलाई 1908 को किया गया था। 19 जुलाई 1969 को भारत के 13 अन्य प्रामुख वाणिज्यिक बैंकों के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा का भी राष्ट्रीयकरण कर दिया गया,और लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) के रूप में निर्धारित किया गया।विलय नीति के तहत भारत सरकार ने 3 प्रमुख बैंक(बैंक ऑफ बड़ौदा,विजिया बैंक, और देना बैंक) विलय कर 1 अप्रैल 2019 से लागू कर दिया।20 जुलाई 2024 को यह 117वीं स्थापना दिवस मना रहे हैं।हमारे पास इस शानदार यात्रा का जश्न मनाने और इसकी धरोहर को संंजोकर रखने के अनेक कारण हैं। “117”वीं यात्रा के रूप में हमने एक लम्बा सफर तय किया है,इसमें आप सभी स्टाफ साथी व हमारे सम्मानीय ग्राहक निरंतर हमारे साथी रहै हैं।अच्छे व बुरे समय में एक दूसरे का साथदेते हुए हमनें अटूट रिस्तों की पूंजी एकत्र की है। जो हमारे लिए सुनहरे भविष्य का द्वार खोलेगी। निरंतर बदलती तकनीक के अनुरूप हमने स्वयं को ढालना सीख लिया है,और साथ ही बैंकिंग को भी आसान बना दिया है। इस सब में हम सबका विनम्र योगदान है। आज विभिन्न शाखाओं के माध्यम से विभिन्न उत्पाद(various Products) व वित्तीय सेवाओं (financial services)से लेकर कंपनियों और फुटकर ग्राहकों की निरंतर सेवाऐं प्रदान कर रहा है।