रायपुर, 14 दिसंबर। Assembly Winter Session Update : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा हुई, जिसमें मंत्री ओपी चौधरी ने सत्र में विजन डॉक्यूमेंट को प्रस्तुत किया। इस डॉक्यूमेंट में राज्य के विकास के लिए एक लंबी अवधि का रोडमैप पेश किया गया था, हालांकि, चर्चा के दौरान विपक्ष मौजूद नहीं था।
अजय चंद्राकर ने उठाए सवाल
इस चर्चा के दौरान, बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने आसंदी से पूछा कि यह चर्चा शासकीय संकल्प के तहत हो रही है या अशासकीय संकल्प के तहत। चंद्राकर ने कहा, “हमें यह नहीं पता कि हम पक्ष में बोल रहे हैं या विपक्ष में, या हमें इस विजन डॉक्यूमेंट पर केवल सलाह देनी है।
चंद्राकर ने विजन डॉक्यूमेंट के कई पहलुओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, आज तक यह तय नहीं हो पाया कि रोजगार की परिभाषा क्या है? उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में गुड गवर्नेंस की आवश्यकता का भी जिक्र किया।
उन्होंने कृषि के मुद्दे पर भी सवाल उठाया, कृषि का रकबा लगातार घट रहा है, तो विजन डॉक्यूमेंट में कृषि का योगदान कैसे बढ़ सकता है, इस पर जांच होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने सिंचाई नीति और बीज आत्मनिर्भरता को लेकर भी सवाल उठाए। उन्हहोंने कहा हमारे पास सिंचाई की कोई ठोस नीति नहीं है, और दंतेवाड़ा-बस्तर में सिंचाई की क्या व्यवस्था है?
चंद्राकर ने कहा, मैं आलोचना नहीं कर रहा हूं, सिर्फ वस्तु स्थिति बता रहा हूं। उन्होंने नस्ल सुधार और डेयरी उत्पादन को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, डेयरी उत्पादन की हालत मरणासन्न है, लेकिन इसका कोई सुधार विजन डॉक्यूमेंट में नहीं दिख रहा।
चारा और कृत्रिम गर्भाधान की समस्या
उन्होंने चारा की कमी और कृत्रिम गर्भाधान के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने का भी जिक्र किया। “चारा के लिए कोई सोच नहीं है, और कृत्रिम गर्भाधान के लिए कोई नीति नहीं है। चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति और लोहा के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, आपने औद्योगिक नीति बनाई, लेकिन हर महीने एक संशोधन कर देते हो। क्या छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनी? उन्होंने यह भी कहा, हमारे लोहे का इस्तेमाल तो बताया गया था, लेकिन तेजस जैसी दुर्घटना में हमारा लोहा नहीं था।
चंद्राकर की बयानबाजी पर लगे ठहाके
अजय चंद्राकर के इस बयान पर सदन में हल्की हंसी छूट पाई, जब उन्होंने तेजस में छत्तीसगढ़ के लोहा न होने की बात की। हालांकि, चर्चा के बीच अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री को विजन डॉक्यूमेंट के लिए बधाई भी दी और इस पहल को विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना। इस दौरान विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस देखने को मिली। कांग्रेस ने सत्र की शुरुआत में ही कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था, और अब विजन 2047 पर चर्चा को लेकर भी विरोध जारी था।
मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के बीच तीखी नोक-झोंक
विधानसभा में विजन 2047 पर चल रही चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर और मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर ने मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल पर व्यक्तिगत आरोप लगाए, जिससे मंत्री नाराज हो गए।
मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल चंद्राकर की टिप्पणी से नाराज हो गए और स्पीकर डॉ. रमन सिंह से अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, आप व्यक्तिगत आरोप लगा रहे हैं, यह सदन के नियमों के खिलाफ है। इसके बाद मंत्री ने कहा कि चंद्राकर को इस तरह के आरोप लगाने वाले अंश को विलोपित किया जाए।
अजय चंद्राकर ने दिया करारा जवाब
चंद्राकर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, मुझे सदन का नियम मत सिखाओ। उनका यह बयान और ज्यादा विवादित हो गया, जिससे सदन में माहौल गरमा गया। मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने फिर अपनी बात रखते हुए कहा, मैं भी दूसरी बार का विधायक हूं और मेरे पास अनुभव है। ऐसे व्यक्तिगत आरोप सदन में स्वीकार्य नहीं हैं।
यह घटना विधानसभा में एक तनावपूर्ण माहौल का कारण बनी और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस जारी रही। अब यह देखना होगा कि इस विवाद का क्या असर सत्र की कार्यवाही पर पड़ता है और विपक्ष और सरकार के बीच आगे किस प्रकार की बहस होती है।
सत्र में आगे क्या होगा
सत्र में अब कृषि, रोजगार, औद्योगिकीकरण, और विकास योजनाओं पर और भी चर्चा होने की संभावना है। यह सत्र राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण दिशा तय कर सकता है, लेकिन विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बाद सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है।