कोरबा

Arrest warrant for Dead Person : कोरबा में कानून व्यवस्था पर सवाल…! मृत व्यक्ति के नाम जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट…परिजन परेशान

अब परिजन दौड़ रहे कोर्ट के चक्कर

कोरबा, 19 सितंबर। Arrest warrant for Dead Person : कोरबा से एक चौंकाने वाली और प्रशासनिक लापरवाही की खबर सामने आई है, जहां पुलिस ने 18 महीने पहले मृत हो चुके व्यक्ति के नाम पर गिरफ्तारी वारंट जारी करा लिया। यह मामला न्यायिक और पुलिस प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

कौन हैं दिलीप दुबे और क्या है मामला?

यह पूरा मामला कोरबा के एमपी नगर निवासी दिलीप दुबे से जुड़ा है, जिनका निधन 31 जनवरी 2024 को हो चुका था। इसके बावजूद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत ने उन्हें 19 सितंबर 2025 को बतौर साक्षी पेश करने के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया। दिलीप दुबे अब जीवित नहीं हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश में उन्हें जीवित मानते हुए पुलिस को गिरफ्तार कर पेश करने का निर्देश दिया गया है।

क्या था मामला?

घटना की जड़ दुबे परिवार के बेटे के साथ मारपीट और गाली-गलौज का मामला सामने आया था। FIR रामपुर पुलिस चौकी में अपराध दर्ज किया गया, जिसमें दिलीप दुबे और उनकी पत्नी को साक्षी बनाया गया था। दुबे परिवार का दावा है कि पुलिस ने कभी उन्हें समन नहीं भेजा, न ही कोर्ट में बयान के लिए बुलाया। सीधे गिरफ्तारी वारंट लेकर पुलिस घर पहुंच गई।

मृत व्यक्ति का वारंट 

अदालत द्वारा जारी वारंट की मूल जानकारी पुलिस द्वारा दिए गए साक्ष्य और रिपोर्ट पर आधारित होती है। परिजनों का कहना है कि उन्होंने दिलीप दुबे के निधन का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवा लिया था, पर पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी गई या पुलिस ने अपडेट नहीं किया। इससे यह जाहिर होता है कि पुलिस रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुए, और बिना सत्यापन के न्यायालय से वारंट जारी करवा लिया गया।

अब परिजन दौड़ रहे कोर्ट के चक्कर

मामले के उजागर होने के बाद दुबे परिवार को अब न्यायालय में मृत्यु प्रमाणपत्र पेश करना पड़ रहा है। साथ ही उन्हें यह साबित करना पड़ रहा है कि जिस व्यक्ति को बुलाया जा रहा है, वह अब इस दुनिया में नहीं है। यह न केवल भावनात्मक पीड़ा है, बल्कि प्रशासनिक अपमान भी है। इस घटना ने कानून व्यवस्था की संवेदनशीलता और पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एक मृत व्यक्ति को कागजों में जीवित मानना और उसके परिजनों को कोर्ट के चक्कर कटवाना, प्रशासनिक सिस्टम की निर्ममता और अव्यवस्था को उजागर करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button