
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान ने सियासत गरमा दी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की महिलाएं शराब पीने में सबसे आगे हैं। सवाल यह है कि क्या सच में एमपी की महिलाएं टॉप 8 में आती हैं या यह दावा सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी है।
आंकड़े क्या कहते हैं
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5, 2019-21) के मुताबिक, शराब पीने वाली महिलाओं के मामले में अरुणाचल प्रदेश सबसे ऊपर है। यहां 24.2% महिलाएं शराब पीती हैं। इसके बाद क्रमशः
सिक्किम (16.2%)
असम (7.3%)
तेलंगाना (6.7%)
झारखंड
अंडमान-निकोबार
छत्तीसगढ़
इन राज्यों के बाद भी मध्य प्रदेश का नाम टॉप 10 में नहीं है। यानी जीतू पटवारी का दावा सही नहीं ठहरता। एमपी से ऊपर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ जरूर है।
क्यों बढ़ रहा है महिलाओं में शराब का चलन
विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में शराब पीने की आदत के पीछे कई कारण हैं:
स्थानीय परंपराएं: आदिवासी इलाकों में घर की बनी शराब सामाजिक जीवन और त्योहारों का हिस्सा है।
सामाजिक स्वीकृति: कुछ राज्यों में महिलाओं का शराब पीना सामान्य माना जाता है।
जीवनशैली में बदलाव: शहरी महिलाएं तनाव, आर्थिक स्वतंत्रता और पश्चिमी प्रभाव के चलते शराब की ओर ज्यादा झुक रही हैं।
राज्यों की तस्वीर
अरुणाचल प्रदेश: 24.2% महिलाएं शराब पीती हैं। यहां अपोंग (चावल की बीयर) मेहमाननवाज़ी का अहम हिस्सा है।
सिक्किम: 16.2% महिलाएं शराब पीती हैं। छांग (बाजरे की बीयर) यहां बेहद लोकप्रिय है।
असम: 7.3% महिलाएं शराब पीती हैं। आदिवासी परंपराओं और व्हिस्की के चलन ने इसे बढ़ावा दिया है।
तेलंगाना: 6.7% महिलाएं शराब पीती हैं। ग्रामीण इलाकों में यह ज़्यादा आम है।