नई दिल्ली। 23rd Law Commission: देश के 23वें लॉ कमीशन गठन हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार देर रात लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ( Law Commission of India) गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस कमीशन का कार्यकाल 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2027 तक कुल 3 साल का होगा। आयोग में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष और चार पूर्णकालिक सदस्य शामिल होंगे, जिसमें एक सदस्य-सचिव भी होगा। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज इस कमीशन के अध्यक्ष और सदस्य होंगे।
23rd Law Commission: बता दें कि 22वें लॉ कमीशन का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया। यह कमीशन 21 फरवरी 2020 को तीन साल के लिए गठित किया गया था। जस्टिस अवस्थी ने 9 नवंबर 2022 को अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। फरवरी 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके कार्यकाल को बढ़ाया था। अब 23वें लॉ कमीशन के गठन के बाद, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया जाएगा। अब नया लॉ कमीशन सरकार गठन से जुड़े सभी काम में अहम भूमिका निभाएगा।
क्या होता है लॉ कमीशन, क्यों इसका गठन अहम
स्वतंत्रता के बाद, भारत में पहला लॉ कमीशन 1955 में स्थापित किया गया था। तब से अब तक 22 कमीशन के कार्यकाल पूरे हो चुके हैं। इसका मुख्य कार्य सरकार को पेचीदा कानूनी मुद्दों पर सलाह देना होता है। लीगल एडवाइजरी (Legal Advisory) के तौर पर लॉ कमीशन की भूमिका बेहद अहम मानी जाता है। 23वें लॉ कमीशन का कार्यकाल शुरू होने पर सरकार कई विवादों से जुड़े कानूनों मसलों पर बेहतर ढंग से कदम उठा सकेगी।
23rd Law Commission: यूसीसी पर 22वें लॉ कमीशन की रिपोर्ट अभी अधूरी
22वें लॉ कमीशन ने कई मुद्दों पर सरकार को सुझाव दिए थे, जिसमें ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’, पॉक्सो एक्ट, ऑनलाइन एफआईआर और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) शामिल हैं। UCC पर कमीशन की रिपोर्ट अभी अधूरी है। वहीं, वन नेशन, वन इलेक्शन पर रिपोर्ट तैयार है। हालांकि, वन नेशन और वन इलेक्शन की रिपोर्ट अब तक लॉ मंत्रालय को नहीं सौंपी गई है। इसके साथ ही यूसीसी (Uniform Civil Code) पर चर्चा भी अभी बाकी है।