नई दिल्ली। Anti-Radiation Missile Rudram-II: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-II का सफल परीक्षण किया है। ये मिसाइल वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 (Su-30MKI) से आज ओडिशा तट पर किया गया।
Anti-Radiation Missile Rudram-II: DRDO ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी साझा की है। डीआरडीओ ने लिखा है कि उड़ान परीक्षण में सभी परीक्षण उद्देश्य पूरे हुए। इसमें प्रोपल्शन सिस्टम से लेकर कंट्रोल और गाइडेंस एल्गोरिदम की पुष्टि हुई।
Indigenously developed Air to Surface RudraM-II missile was successfully flight-tested from Su-30 MK-I off the Odisha coast today. The flight-test met all the trial objectives, validating the propulsion system, control & guidance algorithm@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/xEYxhckQTZ
— DRDO (@DRDO_India) May 29, 2024
Anti-Radiation Missile Rudram-II: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, वायु सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण की सफलता से रूद्रम- दो की भूमिका की मजबूती से पुष्टि हुई है और इससे भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी।
जानें रुद्रम-II एंटी रेडिएशन मिसाइल की ताकत
रुद्रम-II स्वदेशी रूप से विकसित ठोस प्रणोदक वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जो दुश्मन के विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। विभिन्न डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को मिसाइल प्रणाली में शामिल किया गया है।
Anti-Radiation Missile Rudram-II: रुद्रम-II नवीनतम संस्करण है। इसके पहले संसक्रण रुद्रम-1 का परीक्षण चार वर्ष पहले फाइटर जेट सुखोई-30एमकेआई द्वारा ही किया गया था। रुद्रम-II सबसे बेहतरीन मिसाइलों में से एक है और इसका उद्देश्य कई तरह की दुश्मनों के आक्रमणों को बेअसर करना है। भारत के पास वर्तमान में रूसी एंटी-रेडिएशन मिसाइल Kh-31 है। रुद्रम मिसाइलें Kh-31 की जगह लेंगी।