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अन्नपूर्णा दाल भात योजना: गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई..मंत्री ने मंगाई फाइल…

कोरबा। प्रदेश में संचालित दाल-भात केंद्रों की स्थिति की जानकारी लेने के लिए श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने अधिकारियों से फाइल मंगाई है। श्रम मंत्री को दाल-भात केंद्रों के बंद तथा भुगतान में गड़बड़ी की सूचना मिली थी। श्रम मंत्री ने दाल-भात केंद्रों की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच में गड़बड़ी मिलने पर कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। राज्य सरकार जल्द ही श्रमिकों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था करने जा रही है। विधानसभा में इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा होने की उम्मीद है।

प्रदेश में श्रमिकों के लिए वर्ष-2004 में भाजपा सरकार में अन्नपूर्णा दाल-भात योजना शुरू की गई थी। राजधानी समेत प्रदेशभर में 128 केंद्र संचालित किए जा रहे थे। वर्ष-2018 में कांग्रेस की सरकार के आने के बाद चावल मिलना बंद हो गया। इससे प्रदेश के कई जिलों में वर्ष-2019 से पांच रूपये में श्रमिकों का पेट भरने वाले दाल-भात केंद्र बंद होने लगे। बताया जाता है कि कांग्रेस की सरकार में जो केंद्र बंद हो गए, उन्हें भी भुगतान हुआ है।

केंद्र पर लगाया था चावल नहीं देने का आरोप

कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार द्वारा दाल-भात केंद्रों को मिलने वाले चावल पर रोक लगाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 128 दाल भात केंद्र को मिलने वाले चावल पर रोक लगा दी है। यह मोदी सरकार का घोर गरीब विरोधी निर्णय है। छत्तीसगढ़िया भोला जरूर होता है, पर कमजोर नहीं।

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