
नई दिल्ली। भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने शनिवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून 2025 को एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच का बंद हो जाना था, जिसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और अहमदाबाद में विमान क्रैश हो गया। बता दें कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो लंदन गैटविक जा रहा था, उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 242 यात्रियों और चालक दल के 241 लोग और जमीन पर 19 लोग शामिल थे। केवल एक यात्री जीवित बचा।
प्रारंभिक रिपोर्ट की मुख्य बातें
1.ईंधन स्विच बंद: रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर 1:38:42 बजे IST पर विमान ने अधिकतम 180 नॉट्स की गति हासिल की। एक सेकंड बाद, इंजन 1 और इंजन 2 के ईंधन नियंत्रण स्विच “RUN” से “CUTOFF” स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई। इससे तुरंत थ्रस्ट की कमी हुई और विमान नीचे गिरने लगा।
2.कॉकपिट में भ्रम: कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग में दर्ज हुआ कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने ईंधन स्विच क्यों बंद किया?” जिसका जवाब मिला, “मैंने ऐसा नहीं किया।” रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि यह बातचीत कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर में से किसके बीच हुई। फर्स्ट ऑफिसर विमान उड़ा रहा था, जबकि कैप्टन निगरानी कर रहा था।
3.मे डे कॉल: दोपहर 1:38:39 बजे IST पर उड़ान भरने के 26 सेकंड बाद, दोपहर 1:39:05 बजे IST पर एक पायलट ने “मे डे, मे डे, मे डे” संकट संदेश दिया। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) ने कॉल साइन मांगा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, क्योंकि विमान हवाई अड्डे की सीमा से बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
4.कोई यांत्रिक खराबी नहीं: प्रारंभिक जांच और फ्लाइट रिकॉर्डर डेटा में बोइंग 787-8 या इसके GE GEnx-1B इंजनों में कोई यांत्रिक खराबी या डिज़ाइन दोष का सबूत नहीं मिला। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा जांचे गए ईंधन के नमूने संतोषजनक पाए गए, जिससे ईंधन प्रदूषण की आशंका खारिज हो गई।
5.दुर्घटना स्थल और साक्ष्य: मलबे को हवाई अड्डे के पास एक सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है, और दोनों इंजनों को एक हैंगर में सुरक्षित रखा गया है। सहायक पावर यूनिट (APU) फिल्टर और बाएं पंख के जेट्टिसन वॉल्व से सीमित मात्रा में ईंधन के नमूने लिए गए हैं, जिनका परीक्षण विशेष प्रयोगशाला में किया जाएगा। दुर्घटना स्थल की ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पूरी हो चुकी है।
6.कोई तत्काल सिफारिश नहीं: AAIB ने इस चरण में बोइंग 787-8 या GE इंजन ऑपरेटरों और निर्माताओं के लिए कोई तत्काल कार्रवाई की सिफारिश नहीं की है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर हवाई अड्डे के एक हैंगर में सुरक्षित रखा गया है। जांच के लिए ज़रूरी हिस्सों की पहचान कर ली गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के एपीयू फिल्टर और बाएं पंख के ‘जेट्टिसन वॉल्व’ से बहुत ही सीमित मात्रा में ईंधन के नमूने लिए जा सके हैं और इन नमूनों का परीक्षण एक ऐसी प्रयोगशाला में किया जाएगा जहां इतने कम मात्रा में परीक्षण संभव है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक संकेतों और फ्लाइट रिकॉर्डर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर और जानकारी एकत्र की जा रही है। जांच के इस चरण में बोईंग 787-8 और जीई एनएक्स-1बी इंजन ऑपरेटरों और निर्माताओं के लिए फ़िलहाल किसी कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गई है। एएआईबी ने कहा कि चालक दल और यात्रियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का पूरा विश्लेषण किया जा रहा है ताकि एयरोमेडिकल निष्कर्षों की पुष्टि इंजीनियरिंग आंकलन के साथ की जा सके।
एएआईबी ने कहा, जांच अभी जारी है और टीम सभी उपलब्ध साक्ष्यों, रिकॉर्डों और संबंधित पक्षों से प्राप्त हो रही जानकारी की समीक्षा और परीक्षण करेगी। विमान में 230 यात्री सवार थे, जिसमें 15 बिजनेस क्लास में और 215 इकोनॉमी क्लास में। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे। मुख्य पायलट के पास 15,638 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव था जबकि फर्स्ट ऑफिसर के पास 3,403 घंटे से अधिक का अनुभव था। एअर इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह नियामकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही है और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रही है। बोइंग ने भी एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग कर रही है।