न्यूज डेस्क। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक किसान कलेक्टर के सामने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. किसान की जमीन से संबंधित समस्या का जब समाधान नहीं हुआ तो, उसने कहा कि प्रभु ईसा मसीह की तरह मुझे दीवार में खीला ठोक कर लटा दें. किसान ने इच्छा मृत्यु की भी मांग की.
क्या छत्तीसगढ़ के बालोद जिले का किसान सिस्टम से हार गया ? जब किसान की कहीं नहीं सुनी गई, तो डीएम के समक्ष पहुंच गया. जनदर्शन कार्यक्रम में कहा कि मुझे मेरे परिवार सहित एक साथ प्रभु ईसा मसीह की तरह जनदर्शन कार्यक्रम की दीवार में खीला ठोक कर लटका दिया. ताकि लोहाराडौंडी के अधिकारियों को भारत रत्न से नवाजा जा सके. किसान ने ये बात तंज के तौर पर कही है. किसान कहता है, अधिकारी आम आदमी की नहीं सुनते.शिकायत कर-कर के थक गया हूं.अब मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दीजिए. एक किसान ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी है.
दरअसल, पूरा मामला बालोद जिले के डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम झिटिया का है, जहां के एक किसान जीवन लाल की कृषि भूमि का बंदोबस्त त्रुटि सुधार में जमीन की रकबा कम कर दिया गया, जिसके बाद इस त्रुटि को सुधारने के लिए तहसीलदार,आरआई,पटवारी और जनसमस्या निवारण शिविरों में कई बार आवेदन भी दिया गया. लेकिन किसान के आवेदन को प्रशासन में बैठे अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिससे किसान मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान होकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जन चौपाल में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
जीवन ने सुनाई जीवन की परेशानी
डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्रामीण कृषक जीवन लाल पिता सुन्हेर, जाति गोड़ ने बताया कि मेरी कृषि भूमि पुराना खसरा नंबर 649 रकबा 1.74 हे. था, जो बंदोबस्त पश्चात नया खसरा नंबर 267 रकबा 1.35 हे. हुआ है, जिसके रकबा में 0.39 हे. कम दर्ज हो गया. हल्का पटवारी, प.ह.नं. 22, रा.नि.मं. खेरथा, तहसील डौंडीलोहारा, जिला बालोद (छ.ग.) के द्वारा बिना मौका देखे मेरे उक्त भूमि का बंटवारा किया.
बंदोबस्त त्रुटि सुधार के लिए आवेदन दिया था किसान
बंदोबस्त में 0.39 हे. भूमि काटकर हल्का पटवारी ने पूरे आधा प्लाट काट दिया. मेरे कोई संतान नहीं होने के कारण में अपने भांजियों का नाम खाता में शामिल किए जाने के लिए आवेदन दिया था, जिसे तहसीलदार के (क्लर्क) ने वापस कर दिया. बंदोबस्त त्रुटि सुधार के लिए आवेदन दिया, जिसे तहसीलदार मार्रीबंगला देवरी ने खारिज कर दिया. तहसीलदार ने मेरा खेत कितना है यह भी नहीं बताया और बोले “आर.आई. बताएगा”, मैं 07 बार तहसीलदार और 04 बार एस.डी.एम के क्लर्क को आवेदन दिया था.
लेकिन आज इन अधिकारियों द्वारा कोई मदद नहीं किया गया. मैं मरने से पहले बंदोबस्त नंबर 153 ग्राम झिटिया, प.ह.नं. 16, तहसील/संजारी 1959-60 स्केल 16″=1 मील खसरा नंबर 649 है, जिसे एस.डी.एम और आर.आई. द्वारा मौका में जाकर नाम के बताये इसके बाद मेरे 55 आर 1.37 डिसमिल और 45 X 85 फीट मेरे घर की जमीन को कटवा दीजिए.