18 वर्षीय डी. गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र में विश्व खिताब जीतने का गौरव हासिल किया। उन्होंने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 18 साल, 8 महीने और 14 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की।
चेन्नई के रहने वाले गुकेश ने सात साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। 12 साल, 7 महीने और 17 दिन की उम्र में वह भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने। इसके बाद उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते, जिनमें 2024 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट और शतरंज ओलंपियाड शामिल हैं।
गुकेश ने 2023 में पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को शीर्ष भारतीय खिलाड़ी के रूप में पीछे छोड़ दिया। 2022 में वह मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने और 2700 से अधिक रेटिंग हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में शामिल हो गए।
गुकेश ने अपनी शतरंज तैयारी के दौरान तकनीकी इंजनों का कम इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने कोच विष्णु प्रसन्ना के साथ पारंपरिक तरीकों पर भरोसा करते हुए अपनी रणनीति विकसित की, जिसे कई विशेषज्ञों ने सराहा।
विश्व चैंपियन बनने के बाद गुकेश का चेन्नई एयरपोर्ट पर हजारों फैंस और तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्वागत किया। फैंस ने ‘18 एट 18’ टैगलाइन वाले बैनरों और विशेष परेड के साथ इस युवा चैंपियन को सम्मानित किया।
तमिलनाडु सरकार ने गुकेश की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए उन्हें विशेष कार्यक्रम में पांच करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस समारोह में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति भी संभावित है।
गुकेश के कोच विष्णु प्रसन्ना का कहना है कि गुकेश में खेल के प्रति गहरा जुनून है। उनका ध्यान सिर्फ अपने खेल को सुधारने और दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बनने पर केंद्रित रहा है।