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लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन पर ED का छापा, 8.8 करोड़ रुपये जब्त; सियासी दलों को सबसे ज्यादा चंदा

न्यूज डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चेन्नई में रहने वाले ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन के कॉरपोरेट कार्यालय से शुक्रवार को 8.8 करोड़ रुपये जब्त किए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मार्टिन राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वालों में से एक था। उसने अब रद्द की जा चुकी चुनावी बॉण्ड योजना के तहत 1,300 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा दिया था। बृहस्पतिवार को शुरू की गई छापेमारी कई राज्यों में दूसरे दिन भी जारी रही।

अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को मार्टिन के कॉरपोरेट कार्यालय से करीब 8.8 करोड़ रुपये जब्त किए गए, जिनमें से अधिकतर नोट 500 रुपये के थे। हालांकि कार्यालय कहां स्थित है, इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। यह कार्रवाई मद्रास हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में ईडी को मार्टिन के खिलाफ विस्तृत जांच की अनुमति देने के बाद हुई है। इससे पहले तमिलनाडु पुलिस ने मार्टिन व कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामले को बंद करने का फैसला लिया था और निचली अदालत ने पुलिस की इस याचिका को स्वीकार कर लिया था।

 

अधिकारियों ने कहा कि मार्टिन, उसके दामाद आधव अर्जुन और सहयोगियों से जुड़े तमिलनाडु के चेन्नई एवं कोयंबटूर, हरियाणा के फरीदाबाद, पंजाब के लुधियाना और पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित कम से कम 20 परिसर की “व्यापक” कार्रवाई के तहत तलाशी ली जा रही है। ईडी ने लॉटरी “धोखाधड़ी” और लॉटरी की “अवैध” बिक्री के लिए मार्टिन और उसके व्यापार नेटवर्क के खिलाफ नए सिरे से कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस की कई प्राथमिकियों का संज्ञान लिया है। एजेंसी ने इस मामले में पहले भी छापेमारी की थी।

संघीय एजेंसी ने पिछले साल केरल में सरकारी लॉटरी की फर्जी बिक्री से सिक्किम सरकार को 900 करोड़ रुपये से अधिक के कथित नुकसान से जुड़े एक मामले में मार्टिन से जुड़ी लगभग 457 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्रा. लिमिटेड सिक्किम लॉटरी का मुख्य वितरक था। ईडी 2019 से तमिलनाडु में ‘लॉटरी किंग’ के रूप में जाने जाने वाले मार्टिन के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

 

हाल ही में मार्टिन तब सुर्खियों में आया था जब निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के माध्यम से यह बात सामने आयी कि उसकी कंपनी (फ्यूचर गेमिंग) ने 2019 से 2024 के बीच 1,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के चुनावी बॉण्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया था।

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