कोरबा/सूरजपुर। Police encounter: सूरजपुर में हेड कांस्टेबल की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या करने वाले कुलदीप साहू को बलरामपुर पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया। आश्चर्यजनक घटनाक्रम में बताया गया कि गढ़वा भाग गया कुलदीप अंबिकापुर आ रहा था कि पुलिस ने बलरामपुर में गिरफ्तार कर लिया। पहले ये खबर आ रही थी कि आरोपी का सूरजपुर पुलिस एनकाउंटर कर सकती है। मगर आरोपी को बस से उतारकर पुलिस के साथ फोटो सेशन हुआ और उसके बाद तुरंत उसकी फोटो सोशल मीडिया में जारी कर दी गई। याने फोटो जारी कर कुलदीप को बिल्कुल सुरक्षित कर दिया गया।
Police encounter:
हालांकि पुलिस परिवार ने आज एनकाउंटर करने वालों को एक लाख रुपए ईनाम देने का ऐलान कर दिया था। आरोपी के खिलाफ न कोई चश्मदीद गवाह है और न हथियार बरामद हुआ है। गाड़ी को भी उसने रात में ही धो दिया था। याने कोर्ट से बरी होने की पूरी संभावना है। 2012 में कोरबा जिले में इसी प्रकार की घटना कांस्टेबल हत्या के मामले के सारे आरोपी बरी हो गए थे।
0.बिलासपुर के शातिर बदमाश को चुन्नू गर्ग भागते समय पुलिस ने मारी दी थी गोली
2012 में कांस्टेबल हत्या की पुलिस ने पांच घंटे के भीतर कुख्यात बदमाश का एनकाउंटर कर दिया था। छत्तीसगढ़ का अब तक का यह पहला और आखिरी एनकाउंटर था। इससे पूरा छत्तीसगढ़ हिल गया था। चुन्नू गर्ग बिलासपुर का शातिर बदमाश था। शराब माफियाओं और पुलिस वालों के साथ मिलकर काम करते-करते उसका आतंक इतना बढ़ गया था कि आसपास के जिलों में उसका साम्राज्य स्थापित हो गया था।
0.पुलिस के लिए बन गया था सिरदर्द
चुन्नू को पहले बिलासपुर के तोरवा थाने की पुलिस ने खूब संरक्षण दिया। पुलिस के संरक्षण में उसने कई वारदातों को अंजाम दिया। मगर बाद में नए थानेदार से उसकी जमी नहीं और उसके बाद पुलिस उसके पीछे पड़ गई। गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक जेल में रहने के बाद वह 2012 में छूटा और जेल से बाहर आने के दूसरे दिन ही बिलासपुर में एक पति-पत्नी को बंधक बनाकर रात भर मारपीट की। पुलिस ने उसकी खोजबीन तेज की तो वह कोरबा भाग गया।
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कोरबा भागने के दौरान तखतपुर में गार्ड का काम करने वाले अपने रिश्तेदार का रायफल लूट ले गया। तखतपुर में रायफल लूटने की घटना के बाद उसने अपने गुर्गो को खबर किया कोरबा में रहने वाली प्रेमिका के साथ वह कुछ पल बिताना चाहता है, उसके लिए एक कमरा का इंतजाम कर दे।
0.23 जुलाई 2012 की रात चुन्नू गर्ग ने कोरबा पुलिस के कांस्टेबल को मारी थी गोली
23 जुलाई 2012 की वह रात थी। चुन्नू गर्ग अपनी प्रेमिका के साथ कमरे में था। उसकी खबर एक होमगार्ड जवान को मिली। उसने अपने एक छत्तीसगढ़ पुलिस के एक जवान को बताया कि कोई कमरे में रंगरेलियां मना रहा है, चलते हैं देखने। होमगार्ड और पुलिस का जवान जैसे ही कमरे की खिड़की के पास पहुंचे, चुन्नू को लगा कि बिलासपुर पुलिस उसे पकड़ने आ गई है। उसने गोली चला दी। गोली कांस्टेबल किरीट राम पटेल के पेट में लगी।
किरीट पटेल को गंभीर अवस्था में बिलासपुर के अपोलो अस्पताल रवाना किया गया। उस समय 2003 बैच के आईपीएस सुंदरराज पी0 कोरबा के एसपी थे। रात 9.30 बजे कांस्टेबल की हत्या की खबर उन्हें जैसे ही मिली, उन्होंने आरोपी को पकड़ने फोर्स को अलर्ट कर दिया।
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0.कोरबा के पास जंगल में हुआ था एनकाउंटर
बताते हैं, घटना को अंजाम देने के बाद चुन्नू गर्ग अपनी प्रेमिका के साथ मौके से रवाना हो गया। चूकि उस समय काफी नशे में था, इसलिए वह अपना मोबाइल बंद करना भूल गया। लिहाजा, कोरबा से चांपा स्टेशन जैसे ही पहुंचा, कोरबा पुलिस पीछा करते हुए पहुंच गई। और आरोपी को पकड़ लिया। उस समय मोबाइल तो आ गया था मगर पुलिस ने फोटो सेशन नहीं कराया। न ही गिरफ्तारी की कोई सूचना बाहर आने दी।
तब तक बिलासपुर अपोलो अस्पताल में जख्मी कांस्टेबल की स्थिति गंभीर होती जा रही थी। चांपा स्टेशन से गिरफ्तार करने के बाद कोरबा पुलिस चुन्नू गर्ग को लेकर कोरबा के लिए रवाना हुई। रात तीन बजे जैसे ही खबर आई कि कांस्टेबल का निधन हो गया। उसके तुरंत बाद ये भी खबर आई कि कोरबा के पास जंगल में पुलिस का हथियार छिन भागने की कोशिश में चुन्नू गर्ग पुलिस की गोली से मारा गया। इंक्वारी के बाद मामले को बंद कर दिया गया था।