रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की घोषणा के बाद मुफ्त के बालू के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों ने आवेदन करना शुरू कर दिया है। आनलाइन आवेदनों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसमें सर्वाधिक आवेदन देवघर एवं सरायकेला जिलों से प्राप्त हुआ है।
खान विभाग के अधीन कार्यरत झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को बालू के स्टाक और वितरण के लिए एजेंसी के तौर पर मान्यता दी गई है। जेएसएमडीसी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में आवेदनों की रफ्तार बढ़ी है। निगम ने अपने अधिकृत साइट पर लाभुकों के लिए आधार को परिभाषित किया है और बताया है कि कैसे लोगों को मुफ्त बालू मिल सकेगा।
मुफ्त बालू लेने के लिए सरकारी की इन शर्तों को करना होगा पूरा
निगम के अनुसार मुफ्त बालू के लिए लाभुक का गैर आयकर दाता होना जरूरी है। उसे इसके लिए किसी प्रकार का प्रमाण दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि अपने पैन कार्ड की छायाप्रति जमा करानी होगी। आवेदक आयकर दाता नहीं है एवं जिस किसी कार्य के लिए बालू ले रहा है, उसकी जानकारी देते हुए स्वघोषणा पत्र दाखिल करना होगा। विभाग ने तमाम बातों की जानकारी जेएसएमडीसी के पाेर्टल पर दी है।
निगम से लाभुकों को बालू के एवज में एक भी पैसा नहीं लिया जाएगा लेकिन इसकी ढुलाई के लिए खुद इंतजाम करना होगा। एक लाभुक को अधिकतम 2000 सीएफटी बालू मिलेगा यानि कि लगभग 20 ट्रैक्टर बालू मुफ्त मिलेगा। वर्तमान में एक ट्रैक्टर बालू की कीमत बाजार में तीन से चार हजार रुपये तक वसूली जा रही है। इस प्रकार अधिकतम 80 हजार रुपये तक का बालू मुफ्त मिलेगा।
अपने ही मोबाइल से कर सकेंगे बालू की बुकिंग
क्रेता को अपने व्यक्तिगत मोबाइल नंबर का प्रयोग करते हुए बालू की आनलाइन बुकिंग करनी है। अपना व्यक्तिगत आधार और पैन (वैकल्पिक) को स्व अभिप्रमाणित करके साइट पर अपलोड करना होगा इसके साथ ही बालू उपयोग करने का पूरा पता और उद्देश्य की भी जानकारी देनी होगी। इस संदर्भ में क्रेता की ओर से दायर स्वघोषणा को स्वीकार किया जाएगा। इसके बाद क्रेता संबंधित स्टाकयार्ड से बालू की बुकिंग कर सकते हैं।
कई लोग बिना वाहन के बालू लेने आ रहे
जेएसएमडीसी के अनुसार कई लोग बिना वाहन के ही बालू लेने आ जा रहे हैं। उन्हें यह लग रहा है कि मुफ्त में बालू उनके घर पर पहुंचाया जाएगा। जबकि ऐसी बात नहीं है। बालू मुफ्त में जरूर है, परिवहन का इंतजाम लाभुक को स्वयं ही करना होगा। इसी तरह से लगभग 7550 सीएफटी बालू का उठाव हो चुका है। इसमें सर्वाधिक लाभुक सरायकेला एवं देवघर जिले के हैं। शुरुआत भी देवघर से ही हुई है। देवघर के वकील मंडल, सविता देवी, सरायकेला के मुमताज अंसारी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें सबसे पहले इस योजना का लाभ मिला।