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SECL : प्रबंधन अपनी कुर्सी बचाने मृत सहायक प्रबंधक दोषी सिद्ध करने में प्राण तन से जुटा.. सच ऐसे आएगा सामने…

SECL कोल माइंस में हुए सहायक प्रबंधक की मौत लेकर बवाल.. पढ़े GM ने जांच ऑर्डर में क्या लिखा...??

कोरबा। एसईसीएल (SECL) की कुसमुंडा खदान क्षेत्र में 27 जुलाई को ओव्हर बर्डन में हुए लैंडस्लाइड की घटना में सहायक प्रबंधक (खनन) की मौत के मामले को लेकर महाप्रबंधक का ऑफिस आर्डर चर्चा में है। GM कुसमुंडा ने सहायक प्रबंधक को ही स्वंय की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। GM कुसमुंडा ने लिखा है कि बढ़ती बारिश के बीच स्वर्गीय जितेंद्र नागरकर मोबाईल फोन पर गेम खेलने में व्यस्त थे और बार बार चेतावनी के बाद भी उनका गेम खेलने का क्रम लगातार जारी रहा। जो कि भयावह दुर्घटना के रूप में सामने आया।

 

बता दें कि 27 जुलाई को साढ़े 4,30 बजे के करीब एसईसीएल कुसमुंडा खदान में बारिश के पानी के ओवर फ्लो होने कारण ओव्हर बर्डन के मलबे के साथ सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर बह गए थे। 16 घण्टे के रेस्क्यू के बाद दूसरे दिवस उनकी लाश मलबे में मिली। बारिश से बचने के लिए खदान क्षेत्र में स्थित एक गुमटी में छह लोग रूक हुए थे। बारिश के नहीं थमने पर सभी ने यहां से निकलने की सोची। इसी बीच ओव्हर बर्डन की मिट्टी तेजी से बहकर नीचे की ओर आने लगी। वे इसकी चपेट में आ गए। पांच लोग किसी तरह मलबे के बहाव से बाहर निकल आए, लेकिन सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर ओव्हर बर्डन के मलबे में बह गए। एसईसीएल प्रबंधन ने एसडीआरएफ के साथ तत्काल बचाव कार्य प्रारंभ किया था लेकिन उसे बचा नही सके थे।

कुर्सी बचाने के लिए प्रबंधन ले रहा मोबाईल गेम का आसरा

सहायक प्रबंधक के असमय मृत्यु की आगोश में समा जाने का कारण उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रबंधन का दबाव मुख्य कारण माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो अगर लगातार हो रही बारिश के बीच प्रबंधन का दबाव नहीं होता तो कोई खदान के भीतर तक नहीं जाता और नहीं यह दुर्घटना हुई होती।

मोबाईल डाटा से मिलेगी वस्तुस्थिति की जानकारी

स्वर्गीय सहायक प्रबंधक मोबाईल फोन पर गेम खेल रहे थे या सहायता के लिए प्रबंधन को गुहार लगा रहे थे यह सब सच मोबाईल फोन के डाटा कलेक्शन से स्पष्ट हो जाएगा। यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि प्रबंधन अपनी कुर्सी बचाने के लिए झूठ बोल रहा है..?

 

खदान में स्लोप राडार तकनीक फिर भी दुर्घटना में गई जान

 

कोयला खदानों में स्लाेप स्टैबिलिटी राडार लगाए जाने से संपूर्ण खदान व ओबी डंप इसके दायरे में आ जाता है। यह अत्याधुनिक तंत्र सभी तरह के मौसम चाहे धूल भरी आंधी हो या तेज वर्षा का, सफलता पूर्वक काम करने का दावा किया जाता है। इस दावे पर कुसमुंडा खदान में घटित हादसे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। वजह यह है कि कुसमुंडा खदान में करोड़ों रूपये खर्च कर यह आधुनिक यंत्र लगाया गया है। इसके बाद भी ओबी में स्लाइडिंग की घटना हो गई।

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