बिलासपुर। तालाब की जमीन पर सांस्कृतिक भवन निर्माण के खिलाफ पेश एक याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए कास्ट लगाते हुए 45 दिन के अंदर जुर्माना सीएमओ नगर पालिका चांपा को देने का निर्देश दिया है।
दरअसल चांपा निवासी मुकेश तिवारी ने शहर के राम बांधा तालाब के एक हिस्से को पाटकर सांस्कृतिक केंद्र भवन बनाने के खिलाफ याचिका पेश की थी। याचिका में कहा गया था कि लगभग 95 एकड़ क्षेत्रफल के इस तालाब से लोगों का निस्तार हो रहा है। इसे पाट कर भवन निर्माण किया जा रहा है।
कलेक्टर ने कहा – खाली पड़े जमीन पर हो रहा निर्माण
याचिका में कलेक्टर जांजगीर-चांपा व सीएमओ नगर पालिका चांपा व राज्य शासन को पक्षकार बनाया गया था। शासन की ओर से जवाब पेश कर बताया गया कि राजस्व रिकार्ड में यह जगह निस्तारी तालाब दर्ज है। 1998 में कलेक्टर ने तालाब के खाली पड़े हिस्से का मद परिवर्तन कर लीज पर बस स्टैंड व अन्य शासकीय भवन निर्माण के लिए आवंटित किया है। यहां बस स्टैंड एवं अन्य कार्यालय चल रहे हैं। नगर पालिका को इसी जमीन में से एक हिस्सा भवन निर्माण के लिए लीज पर दिया गया है।
कोर्ट ने याचिका को समय बर्बाद करने वाला बताया
2013 से चल रहे इस मामले को कोर्ट ने आधारहीन व अदालत का समय बर्बाद करने वाला पाया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले कोर्ट का समय बर्बाद करते हैं और रुकावट पैदा करते हैं। न्याय दान की प्रक्रिया के दुरुपयोग की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना चाहिए। अदालतें संस्थागत दृष्टिकोण अपनाती हैं, इसका मतलब अराजकता और अनुशासनहीनता तक पहुंच नहीं है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए कास्ट लगाते हुए याचिका को खारिज किया है। 45 दिवस के अंदर जुर्माना राशि सीएमओ को देने का निर्देश भी दिया है।