कोरबा। फिर हेरा फेरी का ये गीत गोल मॉल है भई सब गोलमाल.. का धुन कोरबा जनपद में भी जमकर बज रहा है। ताजा मामला बेला ग्राम पंचायत का है जहां काम करने वाले का रकम चचिया के फर्म यानी बीडीसी साहब को उपहार स्वरूप दे दिया गया। जब बात चली तो अब 13 लाख रुपये पूर्व सरपंच श्रीमती अनिता राठिया को भुगतान करने का जिला सीईओ ने आदेश जारी किया है। जिला पंचायत के आदेश बाद पंचायत की राशि को ठिकाना लगाने वाले जन प्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि ग्राम पंचायत बेला में पूर्व सरपंच श्रीमती अनिता राठिया के द्वारा अलग अलग निर्माण कार्य कराया गया था। निर्माण कार्य का अंतिम भुगतान लंबित था और सरपंच चुनाव के बाद बदल गये। इसका फायदा उठाते हुए ग्राम पंचायत के दलाल सक्रिय हुए और पंचायत के रकम को “लकरा इटरप्राइजेज” के खाते में आरटीजीएस कर दिया गया। पूर्व सरपंच श्रीमती अनिता राठिया जब जब अपने लंबित भुगतान की बात करती तब तब वर्तमान सरपंच श्रीमती जया राठिया द्वारा गोल मोल जवाब दिया जाता। आखिरकार थककर हारकर पूर्व सरपंच ने जिला पंचायत का दरवाजा खटखटाया तब जाकर मामले का पर्दाफाश हुआ। अब जब भुगतान दूसरे वेण्डर को देने की बात सामने आई तो जिला पंचायत सीईओ ने बेला पंचायत सरपंच को 13 लाख रुपए वापस पूर्व सरपंच श्रीमती अनिता राठिया को देने का आदेश जारी किया है।
फर्जी वेंडरों की भरमार
सरकार ने ग्राम पंचायत के कार्य और भुगतान में जब से पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है तब से फर्जी वेंडरों की संख्या बढ़ गई है। यज़ हर पंचायत प्रतिनिधि के पास एक फर्म है जिसमे मनचाहा रकम ट्रांसफर कर निजी स्वार्थ पूरा कर रहे है। डीएससी से ट्रांसफर हो रहे रकम की जांच होगी तो जीएसटी चोरी में कई पंचायत प्रतिनिधि सलाखों के पीछे होंगे।