बिलासपुर। पुलिस ने साइबर ठगी में शामिल छात्रों के एक गैंग को पकड़ा है. इस गिरोह में जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, बांग्लादेश और कैमरून के छात्र शामिल हैं. ये लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को होटल, लॉज और किलों की ऑनलाइन रिव्यू करने के लिए पैसे देने का लालच देते थे. बिलासपुर के सियारामशरण तिवारी इसके शिकार हुए और 27.8 लाख रुपये गंवा दिए. जालसाजों ने शुरू में उन्हें भरोसा दिलाने के लिए थोड़ी रकम दी, फिर और पैसे मांगे. जब तिवारी को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है, तो उसने पुलिस को इसकी सूचना दी. साइबर पुलिस ने संदिग्धों को शिमला और सोलन में ट्रैक किया, चार लोगों को गिरफ्तार किया और 9 लाख रुपये बरामद किए.
ये है पूरा मामला?
आपको बता दें कि मोपका निवासी प्रार्थी सियाशरण तिवारी को अज्ञात मोबाइल नंबर द्वारा वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से संपर्क कर घर में रहकर कार्य और पैसे कमाने का प्रलोभन दिया गया. ठगी करने वालों ने ऑनलाइन टेलीग्राम एप के माध्यम से लिंक भेजकर गूगल मैप पर होटल, लॉज, किला की ऑनलाइन रिव्यू रेटिंग कर उसका स्क्रीनशॉट भेजने पर रुपये कमाने की बात कही. शुरुआत में प्रार्थी को कुछ पैसे इन ठगों द्वारा दिए गए, जिसके बाद इन ठगों ने और ज्यादा रकम कमाने का लालच देकर रजिस्ट्रेशन कराने की बात कहकर प्रार्थी से कुल 27,80,510 रुपये ठग लिए. जिसके बाद प्रार्थी को उसके साथ ठगी होने का आभास हुआ और फिर प्रार्थी ने साइबर थाने में इसकी शिकायत की.
प्रार्थी के साथ धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों की जानकारी एकत्र करने के लिए साइबर पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कर अवलोकन किया गया. वहीं, संदिग्ध बैंक खातों को चिन्हांकित कर बैंक स्टेटमेंट, ए.टी.एम. फुटेज की समीक्षा एवं तकनीकी इनपुट के आधार पर ये जानकारी प्राप्त हुई कि आरोपी हिमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन के आसपास ठिकाना बनाकर अपराध करते हैं. जिसके बाद इन अपराधियों को ACCU और रेंज साइबर पुलिस द्वारा दबिश देकर गिरफ्तार किया गया. इन 4 शातिर ठगों राजवीर सिंह, मोह. शोबुज मोरल, प्रियांशु रंजन और टेमकु कार्ल को हिरासत में लिया गया. इन आरोपियों से 2 लैपटॉप, 4 मोबाइल, 6 ATM और बैंक पासबुक जब्त किए गए हैं. पुलिस द्वारा आरोपियों से जब्त 9 लाख रुपये प्रार्थी को वापस कर दिए गए हैं और इन अपराधियों पर अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.