रायपुर/दिल्ली। पांच वर्ष बाद छत्तीसगढ़ विश्व का एक बड़ा लिथियम सप्लायर राज्य बनने जा रहा है। दसवें दौर की खदान नीलामी में छत्तीसगढ़ के कटघोरा में 300 हैक्टेयर क्षेत्र में लिथियम की खोज और खनन (पीएलएमएल) के लिए माईकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को प्रिफर बिडर चुना गया। यानी खदान आबंटित की गई है।
संयुक्त सचिव खान मंत्रालय, डॉ. डी. वीणा कुमारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा 29 नवंबर 23 को कटघोरा को लिथियम और रेयर अर्थ ब्लॉक टेंडर जारी किया था। कल हुए ई आक्शन के बाद मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड छत्तीसगढ़ के कटघोरा लिथियम और आरईई ब्लॉक के लिए एमएल/सीएल के लिए चयन किया है। कंपनी को अगले पांच वर्ष में लिथियम भंडारण की खोज कर खनन शुरू करना होगा। यहां से निकलने वाले लीथियम की सेल वैल्यू की 76% आय राज्य सर देनी होगी। और 25% कंपनी की आय होगी।
जीएसआई की अब तक हुई खोज के मुताबिक एक टन कच्चे माल में से 800 पीपीएम लिथियम कंटेंट होने का दावा किया गया है। इस आक्शन प्रोसेसे में शामिल होने गए जेडी खनिज संजय कनकने शामिल हुए।
कटघोरा की धरती में मिला लिथियम हाई क्वालिटी का है। इससे पहले जम्मू कश्मीर में भी लिथियम भंडार खोजा गया था, लेकिन उसकी क्वालिटी उतनी बेहतर नहीं रही। कटघोरा ब्लाक को देश की पहला ब्लाक घोषित किया गया है। इस लिथियम से मोबाइल, लैपटॉप टैब जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अलावा सामरिक महत्व के उपकरणों, ई वाहनों के लिए बनने वाली बैटरी बनाई जा सकेगी।