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Korba: घने जंगल में पैदल चल 112 की टीम द्वारा हॉस्पिटल पहुंचाने के बाद भी नहीं बची गर्भस्थ शिशु की जान

कोरबा। जिले के वनांचल गांव चिरईझुंझ में प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला के स्वजनो ने 112 को डायल किया। वाहन गांव के निकट पहुंची लेकिन घर तक पहुंच मार्ग नही था। स्टाफ के कर्मचारियों ने कर्त्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए गर्भवती महिला को कांवर में बैठाया। दो किलोमीटर पगडंडी मार्ग में चलकर उसे वाहन तक लाया। अस्पताल पहुंचाने के बाद महिला का प्रसव हुआ। इस दौरान महिला तो बच गई लेकिन बच्चे की मौत हो गई।

जिले के कोरबा विकासखंड के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम चिरईझूंझ से डायल 112 को सूचना मिली कि कोरवा में कोरवा महिला प्रसवपीड़ा से कराह रही है। सूचना के आधार पर आरक्षक बसंत कुमार व वाहन चालक साहिल रात्रे गांव तक पहुंचे। यहां उन्हे पता चला कि कोरवा बस्ती तक पहुंचने के लिए वाहन साथ ले जाना मुश्किल। दोनों कर्मचारियों ने वाहन पर गांव के बाहर खड़ाकर पैदल कोरवा बस्ती पहुंचे। वहां वसंत ने देखा कि महिला प्रसव पीड़ा से व्याकुल थी। साहिल ने महिला के स्वजनों को कांवर की व्यवस्था करने के लिए कहा। महिला को उस पर बैठाया और पगडंडी मार्ग से दो किलोमीटर पैदल चल उसे वाहन में बैठाया। सुरक्षित प्रसव के लिए महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने के बाद प्रसव कराया गया लेकिन शिशु को चिकित्सक नहीं बचा पाए।

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