Korba। चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से। जोरदार फसल के बीच कीमत का ठहरा हुआ होना, नारियल बाजार के लिए अनुकूल बना रहा है। सप्लाई लाइन चुस्त बनाने के बाद होलसेल काउंटरों ने रिटेल मार्केट से आर्डर लेना और आपूर्ति करने का काम चालू कर दिया है।
चैत्र नवरात्रि के लिए नारियल बाजार, तैयारी के अंतिम पायदान पर पहुंच चुका है। अच्छे दिन और अच्छी मांग की उम्मीद में भंडारण इसलिए भी बढ़ाया जा रहा है क्योंकि कीमत ठहरी हुई है। होलसेल मार्केट का ध्यान पर्व पर लगने वाली दुकानों में सबसे ज्यादा है क्योंकि यही क्षेत्र, नारियल की मांग वाला बड़ा क्षेत्र है।
फसल बेहतर, कीमत स्थिर
देश में नारियल की व्यावसायिक खेती के लिए पहचाने जाने वाले केरल में इस वर्ष नारियल की फसल को मौसम का पूरा साथ मिला। इसलिए बेहतर उत्पादन के बीच फिलहाल होलसेल मार्केट, कच्चा नारियल में प्रति सैकड़ा 1000 रुपए में आर्डर ले रहा है। अपेक्षाकृत, सूखा नारियल में सौदा 1350 से 1500 रुपए प्रति सैकड़ा पर किए जाने की खबर है।
रिटेल काउंटर की निकली मांग
बेहतर फसल और स्थिर कीमत के बीच होलसेल मार्केट में ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों से नारियल की मांग ने दस्तक दे दी है। थोक बाजार का ध्यान, पर्व के दौरान मंदिरों के करीब लगने वाली दुकानों पर भी है क्योंकि कुल मांग का लगभग 50 फ़ीसदी हिस्सा यही दुकानें पूरा करतीं हैं। खरीदी के क्रम में सबसे अंत में शहरी क्षेत्र आता है, जहां जरूरत के हिसाब से ही खरीदी होती है।
यह है मांग क्षेत्र
हसदेव तट पर स्थित कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर, रायगढ़ जिले में अनेक देवी मंदिर है लेकिन चंद्रपुर की श्री चंद्रहासिनी देवी मंदिर का अलग ही महत्व है। रतनपुर की श्री महामाया मंदिर की पहचान अंतरराष्ट्रीय पर स्तर पर होती है, तो मल्हार की श्री डिडिनेश्वरी मंदिर क्षेत्र भी देवी भक्तों को आकर्षित करता है। बलौदा बाजार भाटापारा जिले में तरेंगा में स्थित श्री महामाया मंदिर और सिंगारपुर की श्री मावली देवी मंदिर की पहचान पुरातन काल से बनी हुई है।