बालकोनगर। पल्स पोलियो वह संजीवनी है, जिसकी केवल दो बूंद बच्चों के आज और कल को सेहतमंद कर भविष्य में अपने पैरों पर खड़ा करने बेहद जरूरी है। यही उद्देश्य रखते हुए बालको अस्पताल में सीईओ राजेश कुमार ने नन्हें-मुन्नों को खुराक पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुभ शुरुआत की। इस एक दिन में ही यहां 900 से ज्यादा बच्चों को कवर किया गया।
भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान में हिस्सा लिया। बालको अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक सिन्हा के नेतृत्व में 900 से अधिक बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक दी गई। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व निदेशक राजेश कुमार ने अस्पताल में नन्हे बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाकर अभियान की शुरूआत की। पल्स पोलियो कार्यक्रम में बालको अस्पताल के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों ने बच्चों को खुराक पिलाई।
दवा पिलाने के लिए बालको अस्पताल द्वारा बालकोनगर के 10 विभिन्न स्थानों पर तीन दिन दिवसीय अस्थायी शिविर लगाकर अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं। एक चलित मोबाइल वैन की मदद से भी जगह-जगह पोलियो की खुराक दी गई। बालको बस स्टैंड पर भी शिविर लगाया गया जिससे यात्रा कर रहे नन्हें बच्चों को भी दवा की खुराक दी जा सके। 4 व 5 मार्च को बालको अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा घर-घर टीकाकरण किया जाएगा।
बालको के 100 बिस्तरों के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल ने अपने विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से बालको कर्मचारियों, उनके परिवारजनों, ठेकाश्रमिकों और स्थानीय नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की पूर्ति पूरी दक्षता से की है। अस्पताल में 10 आईसीयू और 6 पीडियाट्रिक्स आईसीयू बेड मौजूद है जहां गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों का इलाज एमडी मेडिसिन की देखरेख में किया जाता है। बालकोनगरवासियों में एचआईवी एड्स, टीबी व अन्य स्वास्थ्य जागरूकता के प्रसार और विभिन्न दिशानिदेर्शों का पालन सुनिश्चित करने में बालको अस्पताल के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों ने सराहनीय योगदान दिया है।
हर साल ढाई लाख से अधिक मरीज लाभान्वित
बालको अस्पताल से हर साल छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर चांपा जिलों से 2 लाख 50 हजार से अधिक मरीज लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के साथ ही सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों को बालको अस्पताल में क्रियान्वित किया जाता है।