Mayor Election : हारकर जीतने वाले को कुलदीप कुमार कहते हैं.. कौन हैं AAP के बाजीगर? जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने बनाया चंडीगढ़ मेयर
Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के नतीजे ने धांधली की पोल खोल दी है. कुछ देर पहले तक जीत का दावा करने वाली भाजपा के लिए यह बड़ा झटका है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कह दिया है कि जो मतपक्ष अवैध घोषित किए गए थे.. उनमें कोई खामी नहीं है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित किया है. आइये आपको बताते हैं आप के बाजीगर कुलदीप कुमार के बारे में जो चुनाव के 22 दिन बाद अब चंडीगढ़ के मेयर बन गए हैं.
कौन हैं कुलदीप कुमार?
2021 में कुलदीप कुमार ने जो हलफनामा दायर किया था उसके मुताबिक उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है. पंजाब बोर्ड से 2005 में उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की थी. कमाई की बात करें तो इस हलफनामे में उन्होंने 4 लाख 80 हजार के करीब अपनी कमाई दिखाई थी. उन्होंने पत्नी के पास करीब 1 लाख 66 हजार की संपत्ति का खुलासा किया था. कुलदीप के हलफनामे में कार लोन का भी जिक्र है.
..पहले ही मेयर बन गए होते
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कुलदीप कुमार ने कहा कि यह लोकतंत्र और चंडीगढ़ निवासियों की जीत है. कुमार ने आगे कहा कि अगर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा ने कथित तौर पर धांधली नहीं की होती तो वह पहले ही मेयर बन गए होते. यह लोकतंत्र की जीत है, चंडीगढ़ निवासियों की जीत है और सच्चाई की जीत है.
छलके खुशी के आंसू
कोर्ट का फैसला आया तो कुलदीप कुमार खुद को रोक नहीं पाए और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. 30 जनवरी को जब फैसला आया था और आप-कांग्रेस की हार हुई थी, तब भी उनकी आंखों में आंसू थे. एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ में विकास कार्य उसी तरह किये जायेंगे जैसे पंजाब और दिल्ली में किये गये. उन्हें हमेशा न्यायालय पर पूरा भरोसा था.
अनिल मसीह पर चलेगा मुकदमा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे को पलट दिया. पहले जो चुनाव का नतीजा आया था, उसमें भाजपा उम्मीदवार विजेता बनकर उभरे थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बदलते हुए आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को नया मेयर घोषित किया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में खामियों के लिए रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह पर मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मसीह ने आठ मतपत्रों को खराब करने की जानबूझकर कोशिश की.