0 चुनावी साल में जिला प्रशासन की सख्ती, स्वास्थ्य विभाग के 337 हड़ताली कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की तैयारी
कोरबा। चुनावी साल में हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के आंदोलन पर शासन ने एस्मा एक्ट का चाबुक चलाया है। एस्मा लागू होने के बाद भी हड़ताल पर अड़े कर्मियों पर अब प्रशासन भी सख्ती बरतने के मूड में है। इस मामले में जिले के 337 हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करते हुए दंडात्मक कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।
कलेक्टर सौरभ कुमार द्वारा छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन व छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन संघ द्वारा विगत 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में गए समस्त अधिकारियों कर्मचारियों को एस्मा एक्ट के अंतर्गत तत्काल हड़ताल समाप्त कर अपनी सेवाएं देने के लिए पूर्व में नोटिस जारी किया गया है। स्वास्थ्य कर्मचारी सीधे तौर पर आम जनता के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं व उनके कार्य क्षेत्र में अनुपस्थिति के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उपरोक्त हड़ताल में स्वास्थ्य विभाग के कुल 337 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग संवर्ग, पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य संयोजक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता इत्यादि लोग सम्मिलित हैं। कलेक्टर श्री कुमार ने सीएमएचओ डॉ. एस. एन. केसरी को एस्मा एक्ट लगने के बाद भी कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। एस्मा एक्ट के तहत जारी नोटिस के बाद भी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अपने ड्यूटी पर उपस्थिति नहीं दी गई है। उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर के निर्देश के परिपालन में सीएमएचओ व सभी बीएमओ द्वारा अपने विकासखण्ड के हड़तालरत कर्मचारियों के खिलाफ संबंधित थाने में एस्मा एक्ट 7 (1) के तहत एफआईआर दर्ज कराया जा रहा है व उन्हें सेवा समाप्ति हेतु नोटिस भी दी जा रही है।