कोरबा, 11 अक्टूबर। Ex Home Minister : भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकी राम कंवर ने एक बार फिर राज्य प्रशासन और पुलिस अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि 4 अक्टूबर को रायपुर में धरने के दिन, उनके पुत्र संदीप कंवर को शराब पिलाकर जानबूझकर विवाद खड़ा किया गया, ताकि उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को बाधित किया जा सके।
पुलिस महानिदेशक को लिखी चिट्ठी
ननकी राम कंवर ने छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक (DGP) को दो पन्नों की चिट्ठी लिखकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि कौन लोग उनके पुत्र को शराब पिलाकर उनकी छवि धूमिल करने की साजिश रच रहे थे, और उनकी गाड़ी में शराब किसने रखवाई?
घटना की पृष्ठभूमि
4 अक्टूबर को जब ननकी राम कंवर रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने धरने पर बैठने वाले थे, उसी दिन एक वीडियो सामने आया जिसमें उनके पुत्र संदीप कंवर ने कहा कि उनके पिता पूरी तरह सुरक्षित हैं और वे खुद मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात करने वाले हैं। यह बयान तब आया जब ननकी राम कंवर गहोई भवन में पुलिस निगरानी में थे और हाउस अरेस्ट का आरोप लगा चुके थे।
ननकी राम कंवर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि उन्हें सुबह भवन से बाहर निकलने नहीं दिया गया, मेन गेट पर ताला जड़ा गया और पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी भीतर मौजूद थे। उन्होंने गेट पर चढ़कर मीडिया से बयान दिया कि उन्हें जबरन रोका गया है।
मोबाइल छीने जाने का आरोप
कंवर ने आरोप लगाया कि उनके दो सहयोगी अनिल चौरसिया और सुशील अग्रवाल को झूठे आरोपों में पुलिस हिरासत में लिया गया, मोबाइल फोन छीन लिए गए और अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने इसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन करार दिया।
CCTV फुटेज सुरक्षित रखने की मांग
पूर्व मंत्री ने मांग की है कि गहोई भवन, सरस्वती नगर थाना और सिटी कोतवाली थाना के 4 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक के CCTV फुटेज को सुरक्षित रखा जाए और उनकी स्वतंत्र जांच कराई जाए।
कलेक्टर और अपर कलेक्टर पर भी आरोप
ननकी राम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत और अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल पर शासकीय पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी शासकीय कार्य के, देवेंद्र पटेल को सिर्फ उनके आंदोलन को विफल करने के उद्देश्य से रायपुर भेजा गया।
कोरबा के अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल ने सफाई देते हुए कहा कि वे लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी पर रायपुर भेजे गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे रायपुर में पहले पदस्थ रह चुके हैं, इसलिए प्रशासन ने उन्हें ड्यूटी पर भेजा। पुलिस हिरासत या किसी अन्य आरोप पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।