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Dead Body in Train Toilet : खौफनाक…! ट्रेन के AC कोच के टॉयलेट में औंधे मुंह पड़ा था मासूम का शव…आरोपी अरेस्ट

मौसेरे भाई विकास शाह है कातिल

सूरत, 27 अगस्त। Dead Body in Train Toilet : गुजरात के सूरत जिले के अमरोली इलाके से लापता तीन साल के मासूम की हत्या और शव की मुंबई में बरामदगी से जुड़े मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब इस सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश हो चुका है। जो खुलासा सामने आया है, वह न सिर्फ खौफनाक है, बल्कि रिश्तों की गहराई में छिपे गुस्से और प्रतिशोध की भयावह सच्चाई को भी उजागर करता है।

गायब हुआ मासूम, फिर मिला ट्रेन के टॉयलेट में

दरअसल, कुछ दिन पहले अमरोली में रहने वाला तीन साल का बच्चा खेलते हुए अचानक घर से लापता हो गया। परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और बच्चे की हर जगह तलाश शुरू हुई। लेकिन किसी को अंदाज़ा नहीं था कि उसका शव मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर खड़ी कुशीनगर एक्सप्रेस के टॉयलेट में मिलेगा।

कातिल कोई और नहीं, खुद रिश्तेदार निकला

मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि बच्चे का अपहरण उसके ही मौसेरे भाई विकास शाह ने किया था। विकास हाल ही में बिहार से सूरत आया था और अपनी मौसी के घर ठहरा हुआ था। घरेलू विवाद के चलते मौसी ने विकास को घर छोड़ने को कहा था। इस बात से नाराज होकर उसने बदला लेने का रक्तरंजित प्लान बना डाला।

सूरत से मुंबई तक ले गया मासूम को, ट्रेन में उतारा मौत के घाट

आरोपी विकास ने मौसी के बेटे को चुपके से उठाया और मुंबई की ट्रेन में बैठ गया। कुशीनगर एक्सप्रेस के एसी कोच में, उसने पहले से तैयार योजना के तहत ब्लेड से मासूम का गला रेत दिया और शव को ट्रेन के टॉयलेट में फेंक कर फरार हो गया।

मोबाइल की लोकेशन से पुलिस ने पकड़ा सुराग

आरोपी बच्चे की मां का मोबाइल भी साथ ले गया था, जिसे वह बार-बार ऑन-ऑफ करता रहा। मोबाइल ट्रैकिंग के जरिए पुलिस को उसकी लोकेशन की जानकारी मिलती रही। आखिरकार मुंबई के बीकेसी इलाके में पुलिस ने छापेमारी की। विकास भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सूरत क्राइम ब्रांच ने उसे दबोच लिया।

आरोपी ने किया गुनाह कबूल, विदेशों में करता था नौकरी

पुलिस पूछताछ में विकास शाह ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। डीसीपी भावेश रोजिया के अनुसार, आरोपी पहले ओमान, कतर और सऊदी अरब में काम कर चुका है। लेकिन छह महीने पहले वह भारत लौट आया और बेरोजगारी की स्थिति में था। इधर, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

बदले की आग ने बुझा दी मासूम की जिंदगी

इस वारदात ने यह दिखा दिया कि रिश्तों की दरार और गुस्से का नासूर जब हद से गुजरता है, तो मासूम जिंदगियों को भी निगल जाता है। एक युवक की घरेलू तकरार और आंतरिक कुंठा ने एक मासूम की हत्या कर दी, जिसने ना कुछ समझा, ना कुछ कहा, सिर्फ भरोसे में लिया गया और फिर निर्दयता से मार दिया गया।

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