
कोरबा। जिले के तुलसीनगर स्थित कौशल उच्च माध्यमिक विद्यालय में गंभीर वित्तीय अनियमितता और दस्तावेजों में जालसाजी का मामला सामने आया है। गौरव युवा मंडल द्वारा इस घोटाले को उजागर करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने विद्यालय से 11 लाख 36 हजार रुपए की वसूली का आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार, विद्यालय की अध्यक्ष श्रीमती चन्द्रकला कौशल एवं प्राचार्य अरुण कौशल ने आर.टी.ई. पोर्टल पर फर्जी दस्तावेजों एवं बनावटी छात्र संख्या के आधार पर शासकीय सहायता राशि का दुरुपयोग किया। शिकायत पर शिक्षा विभाग जाँच में फर्जी तरीके से विद्यार्थियों के नाम रक़म निकालने प्रमाण मिले है।
फर्जी दस्तावेजों से निकाले गए लाखों रुपए
सौरभ अग्रवाल ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में आरोप लगाया कि विद्यालय की अध्यक्ष चन्द्रकला कौशल और प्राचार्य अरुण कौशल ने आरटीई पोर्टल पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए शासन से 11,36,000 रुपए की अवैध निकासी की। शिकायत में कहा गया है कि छात्र संख्या और दस्तावेजों में हेरफेर कर यह राशि हासिल की गई, जो एक संगठित अपराध का हिस्सा है।
2011 से 2022 तक की जांच की मांग
सौरभ अग्रवाल ने वर्ष 2011 से 2022 तक विद्यालय को दी गई शासकीय सहायता और संचालन से संबंधित सभी दस्तावेजों की गहन जांच की मांग की है। उनका दावा है कि यदि पूरी पड़ताल हो, तो घोटाले की राशि करोड़ों रुपये तक पहुंच सकती है।
क्या सामने आया DEO की जांच में
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विद्यालय ने मान्यता के प्रमाण पत्र में उल्लेखित शर्तों का पालन नहीं किया। आरटीई पोर्टल और उपस्थिति पंजिका (2022-23 और 2023-24) की जांच में पाया गया कि संस्था ने फर्जी छात्र-छात्राओं के नाम दर्ज कर 11 लाख 36 हजार रुपए का फर्जी भुगतान प्राप्त किया।
आरोप पत्र में प्राचार्य पर जानबूझकर फर्जी नाम शामिल करने और शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में गौरव युवा मंडल ने कौशल विद्यालय की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द करने, दोषियों के खिलाफ एफआईआर, शासन से प्राप्त राशि की पूर्ण वसूली करने की मांग की गई है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर उपाध्याय से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे चर्चा नही हो सका।