
मध्यप्रदेश के हरदा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कलेक्टर कार्यालय जा रहे टिमरनी के कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह को गेट पर रोक लिया गया. इस दौरान एक पुलिस अधिकारी ने उनका हाथ पकड़ लिया. इससे नाराज विधायक ने जमकर हंगामा किया. हंगामा सुनकर दिग्विजय सिंह ने अपने विधायक बेटे जयवर्धन सिंह को वहां भेजा, जिन्होंने मामला शांत कराया.
हरदा में कांग्रेस विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो सोमवार, 14 जुलाई की शाम का है. टिमरनी विधायक अभिजीत शाह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कलेक्टर कार्यालय जा रहे थे.
थोड़ा देर होने के कारण वह पीछे रह गए. अंदर प्रवेश करते समय एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें रोक लिया और उनका हाथ पकड़ लिया. इससे विधायक भड़क गए और अधिकारी से कहने लगे, ”मैं विधायक हूं, तू हाथ कैसे पकड़ रहा है.”. दिग्विजय सिंह ने तुरंत अपने बेटे जयवर्धन सिंह को भेजकर मामला शांत करवाया.
विधायक शाह ने कहा, “मुझे भी राजपूत समझकर अंदर नहीं आने दिया गया. शायद मेरे कपड़ों की वजह से वह मुझे पहचान नहीं पाया.” हालांकि, बाद में पुलिस अधिकारी ने माफी मांग ली.
बता दें कि हरदा में करणी सेना के प्रदर्शन को लेकर हुए लाठीचार्ज के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हरदा पहुंचे. यहां पर राजपूत समाज के लोगों से मिलकर घटना की जानकारी ली.
इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिले में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारियों को हटाकर घटना की न्यायिक जांच होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि हरदा पुलिस ने राजपूत समाज के लोगो से नाम पूछा, जिसका नाम के आगे सिंह लगा था उसे पीटा गया है.
दिग्विजय सिंह ने यह भी खुलासा किया कि करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर को होटल से धरनास्थल पर बुलाकर मारपीट की है. उन्होंने पूरे मामले में 12 और 13 जुलाई के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किसी रिटायर्ड जज से न्यायायिक जांच करवाने की मांग की है.
कांग्रेस नेता ने स्पष्ट कहा कि हरदा के कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, एसडीपीओ को हटाना चाहिए क्योंकि उनके यहां पर रहते निष्पक्ष जांच नही हो सकती. उन्होंने कहा कि करणी सैनिकों के साथ राजपूत हॉस्टल के भीतर हुए लाठी चार्ज में पुलिस ने निर्दोषों पर बर्बरता की है, जिसकी वह निंदा करते हैं.