
BJP Chintan Shivir: अंबिकापुर। भाजपा का चिंतन शिविर तीन दिनों तक चला। ज्यादातर वक्त इसमें दिशा-निर्देश देने और मार्गदर्शन के बहाने चेतावनी देने का क्रम चला। पार्टी और संघ से जुड़े कुछ शीर्ष नेताओं की अनौपचारिक बैठक हुई। मुलाकात के बहाने इस बैठक में सरकार के प्रदर्शन और संगठन के साथ समन्वय का मसला भी उठा।
पार्टी में चर्चा है कि पूरे शिविर के दौरान किसी मंत्री या अन्य पदाधिकारी का नाम सार्वजनिक रूप से तो नहीं लिया गया। लेकिन, अब तक के साय सरकार के कार्यकाल के आधार पर कुछ मंत्री की कार्यप्रणाली जरूर चर्चा में आई। समन्वय के विषय में ज्यादातर मंत्री जीरो हैं और संगठन के निचले स्तर पर नाराजगी पनपने लगी है। बता दें कि साय कैबिनेट का विस्तार होना है। ऐसे में इन मंत्रियों को अभी मौका दिया जाएगा या बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, यह सरकार में उनके प्रदर्शन और संगठन के साथ समन्वय पर टिका है।
चिंतन शिविर के दौरान सभी मंत्री, विधायकों, सांसदों, पदाधिकारियों की जमकर क्लास लगी। संघ और भाजपा का मुख्य फोकस सरकार बनने की स्थिति में संगठन के साथ समन्वय पर रहता है। पार्टी का मानना है कि संगठन और कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर ही सरकार बनती है, ऐसे में सरकार में इनकी उपेक्षा का असर अगले चुनाव में दिख सकता है।
BJP Chintan Shivir: सरगुजा, बिलासपुर संभाग भी दायरे में
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मंत्री, विधायकों, सांसदों के मामले में सरगुजा और बिलासपुर संभाग के प्रतिनिधियों के रिपोर्ट कार्ड संगठन की सोच के अनुरूप नहीं आए। बता दें, सरगुजा संभाग से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद हैं, ऐसे में इस संभाग पर संगठन और सरकार, दोनों की निगाह ज्यादा है। यही कारण है कि संघ की ओर से शिविर में यह बात विशेष तौर पर कह गई है कि विधायक बनते ही नए रिश्तेदार पैदा हो जाते हैं और इनसे बच कर रहना है। मंत्री, विधायक व सांसद को इशारे में मिली ये चेतावनी उनके लिए सबक है।