
रायपुर/कोरबा। पहलगाम आतंकी हमला के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी भेजने वाले सीआरपीएफ जवान लंबे समय तक छत्तीसगढ़ के अलग अलग संस्थानों में तैनात रहा है। सीआरपीएफ जवान ने 2015-2017 तक रायपुर के बाराडेरा कैंप में सेवा की, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में स्थानांतरण से पहले गरियाबंद में तैनात रहा। एनआईए की जांच में निलंबित एएसआई से कोरबा के संदिग्ध नागरिक तक पैसे के लेन-देन का पता चला। फिलहाल इस संंबंध में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ पाई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान में, छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पाकिस्तान से जुड़ी जासूसी जांच में एक महत्वपूर्ण नोड के रूप में सामने आया है। रणनीतिक इनपुट और क्रॉस-एजेंसी निगरानी पर कार्रवाई करते हुए, एनआईए की टीमों ने हाल ही में कोरबा में एक संवेदनशील और गोपनीय ऑपरेशन सहित आठ राज्यों में व्यापक छापे मारे, जिससे इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और छत्तीसगढ़ पुलिस की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है।
कोरबा ऑपरेशन के केंद्र में लापता व्यक्ति एक अनाम व्यक्ति है, जो कथित तौर पर एक व्यवसायी है, जो 31 मई की छापेमारी से पहले बिना किसी सुराग के गायब हो गया था। वर्तमान में एनआईए की हिरासत में निलंबित सीआरपीएफ कर्मी मोती राम जाट के साथ उसके संबंधों ने उसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में उभारा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित इस हाई-प्रोफाइल और संवेदनशील घटनाक्रम से अवगत राज्य और केंद्र दोनों की खुफिया एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों ने द हितवाद को बताया कि दिल्ली से आई एनआईए की टीम ने जानबूझकर राज्य पुलिस और स्थानीय आईबी इकाइयों को इस मामले से दूर रखा।