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कौन हैं रामचंद्र अग्रवाल, विशाल मेगा मार्ट के फाउंडर, कभी चलाते थे फोटोकॉपी की दुकान, कितनी है संपत्ति?

सोशल मीडिया पर ‘विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी’ के मीम्स की बाढ़ आई हुई है. हालांकि ‘विशाल मेगा मार्ट’ के फाउंडर रामचंद्र अग्रवाल की सफलता की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. अग्रवाल कभी कोलकाता में फोटोकॉपी की दुकान चलाते थे. उनका एक पैर काम नहीं करता. वह बैसाखियों के सहारे चलते हैं. आइये जानते हैं कि अब वो कितनी संपत्ति के मालिक हैं?

रामचंद्र अग्रवाल ने विशाल मेगा मार्ट की स्थापना की.
अग्रवाल ने 1986 में फोटोकॉपी की दुकान से शुरुआत की.

अब रामचंद्र अग्रवाल 5,600 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं.

सोशल मीडिया पर ‘विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी’ को लेकर मीम्स वायरल हो रहे हैं. नेटिजन मजे लेते हुए ‘विशाल मेगा मार्ट में नौकरी को अपना सपना’ बता रहे हैं. इससे इतर, विशाल मेगा मार्ट की शुरुआत की कहानी बेहद दिलचस्प है. विशाल मेगा मार्ट जैसे सुपरमार्केट की नींव रामचंद्र अग्रवाल ने रखी थी. बैसाखियों के सहारे चलने वाले अग्रवाल का एक पैर बिल्कुल काम नहीं करता है. कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने 26 साल की उम्र में नौकरी की लेकिन मन नहीं लगा. 1986 में लोन लेकर उन्होंने फोटोकॉपी की दुकान खोली. दुकान नहीं चली और घाटा लग गया. फिर कई धंधों में हाथ आजमाया लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

फिर अग्रवाल ने रेडीमेड कपड़ों की दुकान खोली. दुकान में 100-200 रुपये की सेल लगाई. करीब 15 सालों तक कोलकाता में बिज़नेस किया. वर्कर्स यूनियन की दिक्कतों के चलते सब छोड़कर 2003 में दिल्ली आ गए. दिल्ली में उन्होंने विशाल मेगा मार्ट नाम से स्टोर खोला. मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर 99 रुपये में राशन से लेकर कपड़ा बेचने का अंदाज लोगों के दिल को छू गया.

70 करोड़ में बेच दी थी विशाल मेगा मार्ट कंपनी

उन्होंने तेजी से अपने कारोबारी साम्राज्य को फैलाना चाहा. 414 शहरों में विशाल के 645 स्टोर्स खोल डाले. 2007 में कंपनी 2000 करोड़ के वैल्यूएशन का अपना IPO लेकर आई. विशाल मेगा मार्ट शेयर बाज़ार में लिस्ट हो गई लेकिन यही से रामचंद्र अग्रवाल की मुसीबतें भी बढ़ने लगीं. 2008 में कंपनी ने 1100 करोड़ रुपये का कारोबार जरूर किया लेकिन घाटा बहुत बढ़ गया. 2008 की मंदी, तेजी से बढ़ने की होड़ और जल्दबाजी में लिए गए गलत फैसलों से विशाल मेगामार्ट को बहुत नुकसान हुआ. कंपनी का कर्ज बढ़कर 750 करोड़ हो गया. अंत में 2010-11 में रामचंद्र अग्रवाल ने 1100 करोड़ की कंपनी सिर्फ 70 करोड़ में श्रीराम ग्रुप और TPG कैपिटल को बेच दी. साल 2018 में केदार कैपिटल और पार्टनर ग्रुप ने 350 मिलियन डॉलर में विशाल मेगा मार्ट को खरीद लिया.

बची-खुची पूंजी से खड़ी कर दी वी टू कंपनीविशाल मेगा मार्ट को बेचने के बाद भी रामचंद्र अग्रवाल का हौंसला नहीं टूटा. उन्होंने बची-खुची पूंजी से एक बार फिर रिटेल कारोबार के क्षेत्र में एंट्री ली. वी टू कंपनी खड़ी कर दी. वी2 रिटेल का पहला स्टोर जमशेदपुर में खोला गया था. 2013 में कंपनी ने 100 करोड़ के कारोबार के आंकड़े को छू लिया. 2014 में V2 रिटेल का टर्नओवर 225 करोड़ को पार कर गया. 2024 तक आते-आते कंपनी ने पूरे देश में 150 से ज्यादा स्टोर खोल लिए. रामचंद्र अग्रवाल अब करीब 5,600 करोड़ के साम्राज्य के मालिक है.

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