
न्यूज डेस्क।पटना की अदालत ने भागलपुर के तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी समेत के खिलाफ समन जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. दूसरी तरफ अरवल के एसपी के खिलाफ किशनगंज जिले की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. अपनी ड्यूटी के दौरान दोनों के ऊपर आरोप लगे थे. अलग-अलग सुनवाई में अदालत ने बिहार के दोनों पुलिस अफसरों की मुसीबत बढ़ा दी है.
एसपी की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी
बिहार के अरवल जिले के वर्तमान पुलिस अधीक्षक डॉ इमानुल हक मेंगनू के खिलाफ किशनगंज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ने जमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. दरअसल यह आदेश एक केस की सुनवाई के बाद दिया गया जिसमें किशनगंज में उनके कार्यकाल के दौरान अधिवक्ता के साथ बदतमीजी, गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
क्या है किशनगंज का मामला?
वकील छवि लाल सिंह के द्वारा कोर्ट में मामला दर्ज करवाया गया था. अधिवक्ता ने अदालत से न्याय की गुहार लगाई गई थी. किशनगंज व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता छविलाल सिंह ने 10 फरवरी 2023 को तत्कालीन किशनगंज एसपी डॉ. मेंगनू के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी. उनके अनुसार, 8 फरवरी 2023 को डॉ. मेंगनू ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और वहां उनके साथ गाली-गलौज, अभद्र भाषा और अपमानजनक व्यवहार किया.
गिरफ्तारी की नौबत क्यों आयी?
इस घटना से आहत होकर अधिवक्ता छविलाल सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता अनिंदो कुमार दास ने कहा कि इससे पूर्व कोर्ट के द्वारा उन्हें समन भी किया गया था लेकिन वो हाजिर नहीं हुए जिसके बाद वारंट जारी किया गया है.
भागलपुर के तत्कालीन डीएसपी के खिलाफ समन जारी
इधर, पटना के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मोहम्मद गुलाम रसूल की अदालत ने भागलपुर के तत्कालीन डीएसपी आशीष कुमार समेत 7 लोगों के खिलाफ समन जारी करके कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. उनके खिलाफ मारपीट करके जख्मी करने, जबरन घर में घुसने, चोरी करने और परिवादी और उसके परिवार को भय में रखने के मामले में ये निर्देश दिया गया है. डीएसपी समेत 7 लोगों को कोर्ट में हाजिर होने कहा गया है.