
मुंबई। Jaat Controversy: सनी देओल और रणदीप हुड्डा स्टारर बॉलीवुड फिल्म ‘जाट’ 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसके बाद से ही ये विवादों में घिर गई। जाट में एक सीन को लेकर बवाल मचा था जो अब मेकर्स ने फिल्म से हटा दिया है। भारी विवाद के बाद मेकर्स ने फिल्म से विवादित सीन हटाते हुए लोगों से माफी मांगी है। दरअसल, 18 अप्रैल को अभिनेता सनी देओल और रणदीप हुड्डा के साथ-साथ फिल्म ‘जाट’ के निर्देशक और पूरी टीम पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था।
Jaat Controversy: मेकर्स ने मांगी माफी
ईसाई समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि फिल्म में चर्च के अंदर गाली-गलौच और धमकी भरे शब्दों वाले डायलॉग बोले गए, जो एक पवित्र मंच की प्रतिष्ठा का अपमान है। पंजाब में स्टार्स और मेकर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायतें तक दर्ज हुईं। अब ‘जाट’ के प्रोडक्शन हाउस ने फिल्म से विवादित सीन्स हटाते हुए दर्शकों से माफी मांगी है और कहा है कि उनका ‘इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।’
Jaat Controversy: जाट मूवी बनाने वाली प्रोडक्शन हाउस माइथ्री मेकर्स ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा- फिल्म के एक खास सीन को लेकर काफी आलोचना हुई है। इस सीन को तत्काल प्रभाव से फिल्म से हटा दिया गया है। हमारा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। हमें इस पर गहरा खेद है और हमने फिल्म से सीन को हटाने का त्वरित कदम उठाया है। हम उन सभी लोगों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं जिनकी आस्था को ठेस पहुंची है।”
Jaat Controversy: सनी देओल, रणदीप हुड्डा समेत मेकर्स पर हुई है FIR
बता दें, सनी देओल, रणदीप हुड्डा और जाट के मेकर्स के खिलाफ 18 अप्रैल को पंजाब के जालंधर के सदर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके आहत करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। Jaat Controversy: क्या हैं आरोप शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सनी देओल और अन्य कलाकारों को फिल्म में ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने जैसा एक दृश्य दिखाया गया, जिससे ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
Jaat Controversy: इस सीन में रणदीप को एक चर्च के अंदर, पवित्र मंच के ऊपर रखे क्रूस के नीचे खड़ा दिखाया गया था। दूसरे सीन में, चर्च के सदस्य प्रार्थना करते दिखाई देते हैं। इसमें चर्च के अंदर हिंसा का संदर्भ दिया गया है, जिसे ईसाई समुदाय आपत्तिजनक मानता है। इससे पहले, ईसाई समुदाय ने ‘जाट’ की स्क्रीनिंग करने वाले सिनेमाघरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनों को रोक दिया गया था। वहीं समुदाय ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए और चेतावनी दी कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।