महान रणनीतिकार आचार्य चाणक्य ने समाज के कल्याण के लिए एक नीति शास्त्र की रचना की थी। इस नीति शास्त्र में धन, विद्या, दांपत्य जीवन, पारिवारिक रिश्ते, मित्र और शत्रु समेत हर विषय को लेकर सुझाव दिए गए हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य की नीतियां वर्तमान समय में भी प्रासंगिक मानी जाती हैं। कहा जाता है की जो व्यक्ति उनकी नीतियों को अपनी जिंदगी में उतार लेता है, उसके लक्ष्य प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपनी आय से अधिक खर्चा करता है या फिर जो अनावश्यक ही धन को खर्च करता है, वह व्यक्ति हमेशा परेशान रहता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन में धन का संचयन और बचत करना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि यह मुश्किल समय में आपका साथ देता है। अगर व्यक्ति अनावश्यक चीजों पर धन खर्च करता है तो मां लक्ष्मी भी उनसे रूठ जाती हैं।
चाणक्य जी बताते हैं की जिन लोगों की संगति गलत होती है, वह धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह जाता है। क्योंकि गलत संगत का असर व्यक्ति को काफी प्रभावित करता है। ऐसे लोगों को अपने जीवन में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
जो व्यक्ति दूसरों को धोखा देते हैं या पीठ पीछे वार करता है, ऐसे लोगों को कभी भी समाज से मान-सम्मान नहीं मिलता। धन कमाने के लिए भी ऐसे लोगों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। क्योंकि मां लक्ष्मी इनका साथ नहीं देतीं।
आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि जो व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए झूठ बोलता है, उस पर मां लक्ष्मी कभी प्रसन्न नहीं होती। क्योंकि ऐसे लोगों को समाज में अक्सर शर्मिंदा होना पड़ता है।
चाणक्य जी ने बताया जो लोग बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते, उनके शरीर में द्ररिद्रता आ जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी भी उनसे रूठ जाती हैं।