1953 में गढ़वाल मंडल में जन्मे घनानंद ने अपने करियर की शुरुआत 1970 के दशक में रामलीला मंचन से की थी। उनकी हास्य कला ने जल्द ही उन्हें पहचान दिलाई और वे गढ़वाली फिल्मों और म्यूजिक एल्बम्स का हिस्सा बनने लगे। घन्ना गिरगिट, ब्वारी हो त यनि, सतमंगल्या, यमराज, घन्ना भाई एमबीबीएस जैसी चर्चित फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का जादू बिखेरा।
लोगों के दिलों पर राज करने वाले घनानंद ने राजनीति में भी कदम रखा। 2012 में वे बीजेपी के टिकट पर पौड़ी से विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए। 2022 में भी उन्होंने टिकट की दावेदारी की थी।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आपका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।"