देश विदेश में यूं तो कई बड़ी यूनिवर्सिटी है लेकिन यूपी की इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की बात ही अलग है। ब्रिटिश भारत के काल में स्थापित कोलकाता, मुंबई और मद्रास यूनिवर्सिटी के बाद यह देश की चौथी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है। इस यूनिवर्सिटी ने देश को कई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और साहित्यकार दिए हैं।
देश विदेश में यूं तो कई बड़ी यूनिवर्सिटी है लेकिन यूपी की इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की बात ही अलग है। ब्रिटिश भारत के काल में स्थापित कोलकाता, मुंबई और मद्रास यूनिवर्सिटी के बाद यह देश की चौथी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है।
एक समय में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता था। यहां से कई ऐसे धुरंधर और महारथी पढ़कर निकले हैं, जिनका नाम गर्व के साथ लिया जाता है। इस यूनिवर्सिटी ने देश को कई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और साहित्यकार दिए हैं।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से देश के पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा, विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रशेखर ने पढ़ाई की है। भारत के अलावा नेपाल के प्रधानमंत्री रहे सूर्य बहादुर थापा ने भी इसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
वहीं, अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, मदन लाल खुराना, डॉ अर्जुन सिंह और विजय बहुगुणा ने भी यहीं से पढ़ाई की है।
इसके अलावा महादेवी वर्मा, फिराक गोरखपुरी, भगवती चरण वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, कमलेश्वर और गोविंद मिश्र समेत कई साहित्यकारों ने यहां से पढ़ाई की है।