रायगढ़. कोल ब्लॉक्स के 11 वें लॉट की नीलामी की शुरू हो चुकी है। इसमें 20 नई खदानों को रखा गया था। साथ ही दसवें राउंड से बची हुई सात माइंस भी अलग से थी। अब कोयला मंत्रालय ने बोली लगाने वाली कंपनियों की सूची जारी की है जिसमें रायगढ़ की दो खदानों के लिए छह कंपनियां आई हैं। धरमजयगढ़ की वेस्ट ऑफ बायसी के लिए इंड सिनर्जी एकमात्र कंपनी है।
कोयला मंत्रालय ने कमर्शियल माइनिंग के लिए नए कोल ब्लॉक्स को फिर से नीलामी के लिए उतारा है। अब तक हुई नीलामी में कई प्राइवेट कंपनियों ने कोल ब्लॉक्स हासिल किए हैं। इस वजह से कोल इंडिया पर से कोयला आपूर्ति का दबाव बेहद कम हो गया है। केंद्र सरकार ने दिसंबर में कोयला खदानों का 11 वां लॉट जारी किया था। इस खेप में कुल 20 कोल ब्लॉक्स को रखा गया था और रुचि रखने वाली कंपनियों से बोलियां मंगवाई थी। इसमें छत्तीसगढ़ की चार, महाराष्ट्र की तीन, मप्र की चार, झारखंड की पांच, अरुणाचल प्रदेश की दो और ओडिशा की दो कोल ब्लॉक हैं। छग की विजय सेंट्रल, चैनपुर, बनई और भालुमुड़ा हैं।
बनई और भालुमुड़ा तो रायगढ़ जिले की हैं। इसके अलावा सात ऐसे कोल ब्लॉक्स को भी शामिल किया गया है जो दसवें लॉट में नीलाम नहीं हो सकी थी। इसमें छग की दो, मप्र की तीन और ओडिशा की दो माइंस हैं। छग की भटगांव 2 एक्सटेंशन (बोझा) और वेस्ट ऑफ बायसी को शामिल किया गया है। वेस्ट ऑफ बायसी धर्मजयगढ़ में स्थित है। इनमें से 13 माइंस के लिए 40 कंपनियों ने बोली लगाई है। बनई और भालुमुंडा कोल ब्लॉक के लिए पीसीआईएल पावर एंड होल्डिंग्स लिमिटेड, भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड, दामोदर वैली कॉर्पोरेशन, जिंदल पावर लिमिटेड और रायगढ़ नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड ने बोली लगाई है। वहीं वेस्ट ऑफ बायसी के लिए इंड सिनर्जी एकमात्र बिडर है। यह कोल ब्लॉक पहली बार में खाली रहा था। दूसरी बार इसे नीलामी के लिए रखा गया है। संभवत: इंड सिनर्जी को इस बार सफलता मिल जाए।
विजय सेंट्रल के लिए जय अंबे रोडलाइंस की बोली
कोरबा के विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के लिए छग की एक चर्चित कंपनी जय अंबे रोडलाइंस ने भी बिडिंग की है। सारडा एनर्जी ने भी मप्र के सेंदुरी कोल ब्लॉक के लिए बिड डाली है। रायगढ़ जिले में पहले से आवंटित करीब आधा दर्जन कोल ब्लॉक प्रक्रिया में हैं। इनसे उत्पादन प्रारंभ नहीं हो सका है।