CG Election 2025 : चुनाव ड्यूटी में लापरवाही करने वाले 6 शिक्षक निलंबित, एक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की चेतावनी
रायपुर। नगरीय निकाय आम चुनाव 2025 के मतदान दलों के प्रशिक्षण में लापरवाही और उदासीनता बरतने पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। जिला निर्वाचन अधिकारी रणवीर शर्मा ने निरीक्षण के दौरान चुनावी कार्यों में अनुपस्थित रहने और ड्यूटी से इनकार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। इस दौरान छह शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया, जबकि ड्यूटी करने से असमर्थता जताने पर एक शिक्षक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की चेतावनी दी गई।
दो कर्मचारियों ने किया चुनाव ड्यूटी से इनकार
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि कुछ कर्मचारी गैरहाजिर थे। वहीं दो लोगों ने चुनाव ड्यूटी करने से मना कर दिया। कार्रवाई में सुनील राजपूत प्रधान पाठक, शासकीय प्राथमिक शाला मौहाभाटा, नवीनदास गोस्वामी हेड मास्टर, शासकीय प्राथमिक शाला नवागांवखुर्द और होरिलाल घृतलहरे हेड मास्टर, शासकीय प्राथमिक शाला मुढ़िया को निर्वाचन प्रक्रिया में लापरवाही बरतने पर 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
छह शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई
कलेक्टर ने गैरहाजिर रहने वाले 6 शिक्षकों को निलंबित कर दिया। इनमें विकास कुमार वर्मा सहायक शिक्षक, स्वामी आत्मानंद स्कूल, ठेलका, निर्मल ठाकुर व्याख्याता, हायर सेकंडरी स्कूल, बोरतरा, कमलेश कुमार वर्मा, नागेश्वर चौहान सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला, केशतरा, मनोज कश्यप शिक्षक एलबी, शासकीय माध्यमिक शाला, घिवरी और चैन सिंह ठाकुर शिक्षक, पूर्व माध्यमिक शाला, कोंगियाकला शामिल हैं। निलंबन अवधि के दौरान इन सभी कर्मचारियों का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बेमेतरा निर्धारित किया गया है।
एक पक्षीय कार्रवाई के साथ ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति की दी गई चेतावनी
प्रशिक्षण में शिक्षक एलबी गेंदराम डेहरे ग्राम जोगीपुर एवं चन्द्रिका प्रसाद शिक्षक एलबी ग्राम खैरझिटी ने निर्वाचन ड्यूटी करने में असमर्थता व्यक्त की। इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लेते हुए गेंदराम डेहरे को कारण बताओ सूचना जारी की है। कलेक्टर ने जारी पत्र में स्पष्ट किया कि शिक्षक का यह कृत्य सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानों का उल्लंघन है और इसे अनुशासनहीनता के रूप में देखा जा रहा है। कलेक्टर ने 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी। साथ ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव शासन को भेजने की चेतावनी भी दी गई है।