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भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई : शिक्षा विभाग के अधिकारी के घर से मिलीं नोटों की गड्डियाँ, छापेमारी जारी

पटना। बिहार के शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी राजकांत प्रवीण के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति के आरोपों की जांच को लेकर विशेष निगरानी टीम ने मंगलवार को छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई राज्य के विभिन्न हिस्सों में की जा रही है, जिसमें प्रवीण का किराए का घर, कार्यालय, और उनकी अन्य संपत्तियाँ शामिल हैं।

बिस्तरों में छिपा था ₹500 के नोटों का खजाना

विशेष निगरानी टीम को छापेमारी के दौरान ₹500 के नोटों की भारी भरकम गड्डियाँ मिली हैं, जो दो बिस्तरों में भरी हुई थीं। इसके अलावा, चल-अचल संपत्तियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। जांच बिहार विशेष निगरानी इकाई के एडीजी पंकज कुमार दरद के निर्देश पर की जा रही है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, प्रवीण के पास ₹3 करोड़ से अधिक की संपत्ति होने का अनुमान है।

पत्नी के स्कूल की भी जांच, फंडिंग का आरोप

राजकांत प्रवीण की पत्नी, जो एक निजी स्कूल चलाती हैं, भी जांच के दायरे में हैं। आरोप यह है कि इस स्कूल को प्रवीण की अवैध आय से फंडिंग की गई थी।

कई स्थानों पर चल रही छापेमारी, कड़ी सुरक्षा इंतजाम

छापेमारी सिर्फ बेतिया तक सीमित नहीं रही है। समस्तीपुर में स्थित उनके ससुराल सहित अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की जा रही है। बेतिया में स्थित डीईओ के आवास के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। इसके अलावा, घर के प्रवेश और निकासी पर रोक लगाई गई है, ताकि किसी को भी प्रवेश करने या बाहर जाने की अनुमति न हो सके।

भ्रष्टाचार के आरोप और प्रवीण का पिछला रिकॉर्ड

राजकांत प्रवीण, जो बिहार के राज्य शिक्षा विभाग के 45वें बैच के अधिकारी हैं, पिछले 20 वर्षों से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने 2005 में अपना करियर शुरू किया था और पिछले तीन वर्षों से बेतिया में तैनात थे। इस दौरान शिक्षक संगठनों ने उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

 

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