महाकुंभ में पहुंची परम सुंदरी साध्वी हर्षा रिछारिया, जानें क्या है असली कहानी
भोपाल की रहने वाली हर्षा रिछारिया पहले सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर थीं और अब साध्वी बन चुकी हैं।
महाकुंभ में चर्चित हर्षा, महामंडलेश्वर कैलाशानंदगिरी की शिष्या हैं और निरंजनी अखाड़ा से जुड़ी हैं।
16 साल की उम्र में काम की शुरुआत, शुरुआती दिनों में टूथपेस्ट का प्रचार करने पर 150 रुपए मिलते थे।
मॉडलिंग और एंकरिंग का सफर: बाद में एंकरिंग के जरिए नाम और शोहरत मिली।
धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन
दो साल पहले अध्यात्म का मार्ग चुनकर साध्वी बनीं।
सोशल मीडिया पर सक्रिय
इंस्टाग्राम पर 9 लाख फॉलोअर्स और हिंदूवादी विचारों के लिए चर्चा में रहती हैं।
पिता को कार गिफ्ट की और अपनी संघर्षपूर्ण जिंदगी को परिवार की भलाई के लिए समर्पित किया।